iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि इजरायल और हमास के बीच पिछले कई दिनों से जंग जारी है और दोनों ओर से हजारों लोग इसमें हताहत हो चुके हैं लेकिन इस जंग का भारतीय कृषि उत्पादों के निर्यात पर कोई खास असर पड़ने की संभावना नहीं है।
कैसे इस लड़ाई के कारण इजरायल और फिलीस्तीन- दोनों ही देशों में आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही प्रभावित हो रही है जिससे वहां आपूर्ति श्रृंखला छिन्न भिन्न होने लगी है। ध्यान देने की बात है की भारत से इजरायल को कृषि एवं सम्बद्ध उत्पादों का बहुत कम निर्यात होता है जबकि गैर कृषि सामानों का शिपमेंट ज्यादा किया जाता है।
इसी तरह इजरायल से भारत में कृषि उत्पादों का नगण्य आयात किया जाता है। इजरायल हमास जंग के बावजूद पश्चिम एशिया एवं खाड़ी क्षेत्र के देशों के साथ भारत का कारोबार पहले की तरह जारी है और समुद्री मार्ग भी पूरी तरह खुला हुआ है।
7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर हमला किए जाने के बाद दोनों पक्षों के बीच जोरदार जंग शुरू हो गई जो अब भी जारी है। इसमें लेबनान, सीरिया तथा ईरान भी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल हो गया।
ईरान बार-बार आगाह कर रहा है कि इजरायल के यहूदी फिलीस्तीन के मुसलमानों का कत्ल कर रहे हैं जिसका भयंकर परिणाम सामने आ सकता है।
इजरायल में पिछले एक दशक के दौरान जनसंख्या की सालाना वृद्धि दर करीब 2 प्रतिशत रही लेकिन वहां सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का क्षेत्र घटकर 0.9 प्रतिशत पर आ गया है। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि इजरायल कृषि नहीं बल्कि उद्योग प्रधान देश है।
अपनी आंतरिक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विदेशों से कृषि उत्पादों के आयात पर निर्भर रहता है। वहां प्रति वर्ष विशाल मात्रा में अनाज एवं तिलहन आदि का आयात किया जाता है जो मुख्यत: अमरीका, यूरोप एवं ब्राजील आदि से मंगाया जाता है।
दिलचस्प तथ्य यह है कि इजरायल में कृषि फसलों का उत्पादन घट रहा है लेकिन कृषि यंत्रों, मशीनों एवं उपकरणों के निर्माण तथा निर्यात में बढ़ोत्तरी हो रही है। भारत में भी इन मशीनों का आयात किया जाता है।