iGrain India - अहमदाबाद । हालांकि गुजरात सरकार ने 2023-24 के वर्तमान खरीफ सीजन के दौरान राज्य में मूंगफली का उत्पादन 40 लाख टन तक ही पहुंच पाएगा। इसका पहला कारण मूंगफली के बिजाई क्षेत्र में 4.33 प्रतिशत की कमी आना है।
इसके अलावा अगस्त के सूखे ने फसल को काफी प्रभावित किया जिससे मूंगफली की औसत उपज दर में भी गिरावट आ गई। इससे कुल उत्पादन का घट जाना स्वाभाविक ही है।
'सी' की सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार 33.45 लाख टन पर सिमटने की संभावना है। इसके तहत अमरेली जिला में 1.50 लाख टन, भाव नगर में 1.70 लाख टन, जामनगर में 3.25 लाख टन, द्वारका में 5.80 लाख टन, जूनागढ़ में 4.90 लाख टन गिर सोमनाथ में 1.80 लाख टन, पोरबन्दर में 1.95 लाख टन, राजकोट में 3.95 लाख टन, मोरबी में 1.05 लाख टन, सुरेंद्रनगर में 30 हजार टन और सम्पूर्ण सौराष्ट्र संभाग में 26.30 लाख टन मूंगफली के उत्पादन का अनुमान लगाया गया है।
इसके साथ-साथ कच्छ में 1.30 लाख टन, साबरकंठा में 1.25 लाख टन, अरावली में 90 हजार टन, बनासकंठा में 2.90 लाख टन तथा अन्य जिलों में 80 हजार टन सहित कुल 7.15 लाख टन का उत्पादन होने की संभावना है।
'सी' की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात में मूंगफली का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष के मुकाबले इस बार 4.33 प्रतिशत घटकर 16.35 लाख हेक्टेयर सिमट गया। सौराष्ट्र संभाग में क्षेत्रफल 12.53 लाख हेक्टेयर एवं राज्य से अन्य जिलों में 3.82 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया।
इसकी औसत उपज दर प्रांतीय स्तर पर 2045 किलो प्रति हेक्टेयर रहने का अनुमान लगाया गया है। द्वारका और राजकोट में बिजाई क्षेत्र 2-2 लाख हेक्टेयर से ज्यादा रहा जबकि अमरेली में 1.51 लाख हेक्टेयर, जूनागढ़ में 1.91 लाख हेक्टेयर, बनासकंठा में 1.49 लाख हेक्टेयर, जामनगर में 1.45 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया। अन्य जिलों में क्षेत्रफल एक लाख हेक्टेयर से नीचे रहा।