iGrain India - बंगलोर । दक्षिणी राज्य- कर्नाटक में सूखे जैसी स्थिति बरकरार रहने तथा असामयिक वर्षा का अनियमित दौर होने से दलहनों और खासकर मूंग तथा तुवर की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है।
विभिन्न स्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार सितम्बर में मूंग की फसल की जो कटाई-तैयारी हुई उसमें उत्पादन गत वर्ष से 80 प्रतिशत कम दर्ज किया गया। तुवर फसल की हालत बहुत कमजोर है और इसका उत्पादन 60 प्रतिशत तक घटने की आशंका है।
इसकी कटाई-तैयारी दिसंबर में शुरू होगी। इतना ही नहीं बल्कि सूखे की गंभीर स्थिति को देखते हुए आगामी रबी सीजन में देसी चना एवं काबुली चना की पैदावार भी काफी घटने की संभावना है। राष्ट्रीय स्तर पर मूंग का उत्पादन घटकर 14.50 लाख टन के करीब सिमट जाने का अनुमान है जो 17.45 लाख टन की खपत से काफी कम है।
कर्नाटक के कलबुर्गी जिले में जून-जुलाई के दौरान अत्यधिक बारिश होने और उसके बाद भयंकर सूखा पड़ने से मूंग, उड़द तथा तुवर की अधिकांश फसल बर्बाद हो गई।
कृषि विभाग के मुताबिक कलबुर्गी जिले में तुवर का बिजाई क्षेत्र इस बार 5,95,240 हेक्टेयर रहा जिसमें से करीब 1.95 लाख हेक्टेयर या 32.75 प्रतिशत क्षेत्र में सूखे की वजह से फसल बर्बाद हो गई। इसी तरह उड़द के 20 हजार हेक्टेयर के कुल रकबे में से करीब 6 हजार हेक्टेयर (29.16 प्रतिशत) में फसल नष्ट हो गई।
उत्पादकों का कहना है कि कृषि विभाग ने फसलों को हुआ नुकसान बहुत कम करके आंका है जबकि वास्तविक क्षति इससे काफी अधिक हुई है। किसान संगठन के अनुसार कलबुर्गी जिले में मूंग की कम से कम 80 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई है।
मौसम विभाग के मुताबिक इस जिले में जून में सामान्य से 43 प्रतिशत कम बारिश हुई मगर जुलाई में 93 प्रतिशत अधिक वर्षा हो गई। इसके बाद अगस्त में 82 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई जबकि सितम्बर में सामान्य औसत से 10 प्रतिशत अधिक बारिश हुई।
अक्टूबर में वहां फिर 83 प्रतिशत कम वर्षा हुई। इससे सभी दलहन फसलों को भारी नुकसान हुआ और उसके उत्पादन में जोरदार गिरावट आने की आशंका है।