iGrain India - नई दिल्ली । वायदा बाजार में लगातार गिरती कीमतों के कारण एक ओर जहां हाजिर बाजारों में व्यापार ठप्प पड़ गया है वहीं दूसरी तरफ तेजी के गणित को भी बिगाड़ दिया है।
हालांकि केन्द्रों पर जीरे का स्टॉक कम रह गया है और व्यापारिक धारणा थी कि दीपावली से पूर्व कीमतों में आवश्य ही तेजी बनेगी मगर वर्तमान में भाव दिन-प्रतिदिन घट रहे हैं। जोकि व्यापारी वर्ग की समझ से परे है।
क्या बनेगी तेजी
प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात के व्यापारी से हुई वार्तालाप के अनुसार नई फसल आने से पूर्व जीरा की कीमतों में एक बार अवश्य ही तेजी बनने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि नई फसल जनवरी माह में शुरू होगी। जबकि वर्तमान में प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान एवं गुजरात में जीरे का स्टॉक 10 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 55 किलो) का स्टॉक माना जा रहा है जोकि नई फसल आने तक समाप्त हो जाएगा। व्यापारियों का मानना है कि नई फसल आने से पूर्व एक बार कीमतों में तेजी आनी चाहिए।
बिजाई व्यापारियों का कहना है कि गुजरात में दिन के समय तापमान अधिक होने के कारण जीरे की बिजाई छिट-पुट ही शुरू हुई हालांकि रात का तापमान ठीक है। अनुमान व्यक्त किया जा रहा है कि नवम्बर के शुरू में बिजाई जोर पकड़ेगी और इस वर्ष बिजाई डबल होने की संभावना है। राजस्थान में भी बिजाई डयौठी होने के समाचार मिल रहे हैं। राजस्थान में बिजाई दीपावली पश्चात शुरू होगी।
वायदा
वायदा बाजार में आज भी जीरे के भाव मंदे के साथ बंद हुए हैं। जीरा नवम्बर का भाव 3250 रुपए एवं दिसम्बर का 3270 रुपए मंदे के साथ बंद हुआ है।