iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने 2022-23 सीजन के लिए गेहूं का घरेलू उत्पादन तीसरे अंतिम अनुमान के 1127.40 लाख टन से करीब 2 प्रतिशत या 22 लाख टन घटाकर चौथे एवं अंतिम अनुमान में 1105.50 लाख टन नियत किया है लेकिन फिर भी उद्योग- व्यापार क्षेत्र का मामला है। गेहूं एक यह उत्पादन अनुमान हकीकत से बहुत ऊंचा है। सरकार का यह आंकड़ा 2021-22 सीजन के उत्पादन 1077.40 लाख टन से 4.7 प्रतिशत ज्यादा है।
उल्लेखनीय है कि घरेलू बाजार में गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति शुरू से ही जटिल बना हुई है और ऊंचे दाम के कारण सरकार को गेहूं की खरीद का आंकड़ा निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचाने का अवसर नहीं मिल सका।
गेहूं का निर्यात मई 2022 से ही बंद है जबकि मंडियों में इसकी आपूर्ति काफी सीमित मात्रा में हो रही है। सरकार ने गेहूं पर भंडारण सीमा लागू कर रखी है और बफर स्टॉक से खुले बाजार में गेहूं की बिक्री भी कर रही है।
ये सारे कारण इस बात की गवाही दे रहे हैं कि गेहूं का वास्तविक उत्पादन सरकारी अनुमान से काफी कम हुआ। यदि गेहूं का उत्पादन वास्तव में उछलकर 1105 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया तो बाजार में इसका अभाव क्यों रहा और उसकी कीमतों में इजाफा क्यों होता रहा।
दरअसल सरकार ने फरवरी-मार्च के दौरान मौसम की प्रतिकूल स्थिति से फसल को हुए नुकसान को शायद नजर अंदाज कर दिया। खाद्य मंत्रालय ने 2022-23 के सीजन में 343 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा था मगर वास्तविक खरीद 262 लाख टन पर ही पहुंच सकी। यदि 11 करोड़ टन का उत्पादन हुआ होता तो ऐसी नौबत नहीं आती जबकि निर्यात पर पहले से ही प्रतिबंध लगा हुआ था।