iGrain India - श्रीगंगानर । राजस्थान में अगले महीने विधान सभा चुनाव के लिए मतदान होना है और सभी राजनीतिक दल तथा नेता उसमें उलझे हुए हैं। दूसरी ओर राज्य की प्रमुख उत्पादक मंडियों में कपास की आपूर्ति बहुत कम हो रही है जिससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि इसकी फसल को प्रतिकूल मौसम से काफी नुकसान हुआ है और इससे किसान काफी चिंतित तथा परेशान हैं।
गंगानगर जिले के कई गांवों में फसल की औसत उत्पादकता दर घटकर काफी कम रह गई है। एक किसान के 20 बीघा (12.5 एकड़) खेत में केवल 35 किलो कपास का उत्पादन होने की सूचना मिल रही है। अन्य खेतों में कपास की तुड़ाई-तैयारी है लेकिन वहां भी हालत संतोषजनक नहीं है। आमतौर पर वहां 7 क्विंटल प्रति बीघा की दर से कपास का उत्पादन होता रहा है।
राजस्थान के दो प्रमुख कपास उत्पादक जिले- श्री गंगानगर एवं हनुमान गढ़ में इस बार पिंक बॉलवर्म (गुलाबी सूंडी) कीट का जबरदस्त प्रकोप रहा जिससे इसकी फसल को भारी नुकसान हुआ है।
समस्या उन किसानों की ज्यादा गंभीर है जिसने बीज या पट्टा पर खेत लेकर उसमें कपास की खेती की थी। किसानों का कहना है कि अगले चुनाव के बाद राज्य में चाहे जिसकी सरकार बने, उसे कपास उत्पादकों को हुए भारी नुकसान की भरपाई को पहली प्राथमिकता देनी होगी। पिंक बॉलवर्म कीट ने इस बार राजस्थान के साथ-साथ पंजाब तथा हरियाणा में भी कपास की फसल को काफी हद तक क्षति ग्रस्त कर दिया है।
उत्पादन घटने से मंडियों में कपास की आवक बहुत कम हो रही है। प्राप्त सूचना के अनुसार चालू वर्ष के दौरान राजस्थान के किसानों ने कपास की खेती में जबरदस्त उत्साह दिखाया जिससे वहां इसका बिजाई क्षेत्र बढ़कर 8.25 लाख हेक्टेयर के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया जबकि विगत वर्षों में वहां इसका क्षेत्रफल 6.50-7.00 लाख हेक्टेयर से बीच दर्ज किया गया था।