देवास, 9 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 'जल गंगा संवर्धन अभियान' के तहत देवास जिले में नर्मदा नदी के घाट पर पहुंचकर श्रमदान किया। उन्होंने दर्शन और पूजन भी किए। राज्य में जल स्रोतों के संवर्धन और संरक्षण को ध्यान में रखकर विश्व पर्यावरण दिवस पर 5 जून से 'जल गंगा संवर्धन अभियान' चलाया जा रहा है। यह अभियान 16 जून तक चलेगा। इसका समापन गंगा दशहरा पर उज्जैन में होगा।
मुख्यमंत्री मोहन यादव रविवार को देवास जिले के नेमावर स्थित मां नर्मदा के घाट पहुंचे, जहां उन्होंने 'जल गंगा संवर्धन अभियान' के तहत श्रमदान किया। मुख्यमंत्री ने नागर घाट में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों के साथ 'जल गंगा संवर्धन अभियान' के तहत श्रमदान किया। वह नर्मदा नदी में श्रमदान करने के अलावा दंडी आश्रम स्थित अनोली बाबा के शिष्य की पंच समाधि स्थल पहुंचे और दर्शन-पूजन किया। सिद्धनाथ बाबा के दर्शन कर मुख्यमंत्री ने जन प्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं से भी भेंट की।
बता दें कि मुख्यमंत्री ने 5 जून को बेतवा नदी के उद्गम स्थल झिरी बहेड़ा से 'जल गंगा संवर्धन अभियान' की शुरुआत की थी। इस मौके पर 108 पौधों का रोपण किया गया था। इसके अगले दिन भोपाल में छोटे तालाब पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने राज्य में 5.5 करोड़ पौधे रोपने का ऐलान किया था। इसके अलावा प्रदेश की 990 जल संरचनाओं पर 3,000 करोड़ खर्च करने की बात कही थी।
अभियान की शुरुआत पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि हमारे प्रदेश में कई नदियों के उद्गम स्थल हैं, जो जीवन के स्त्रोत के समान महत्वपूर्ण हैं। 'जल गंगा संवर्धन अभियान' के अंतर्गत नदियों के उद्गम स्थलों के संरक्षण के लिए कार्यक्रम निरंतर जारी रहेंगे। अभियान के अंतर्गत जल संरचनाओं के प्रति जनजागृति और जल सम्मेलन जैसी गतिविधियां भी संचालित की जाएंगी।
--आईएएनएस
एसएनपी/एबीएम