नई दिल्ली, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कहा कि वह घर खरीदारों के 5,000 करोड़ रुपये वापस लाने के लिए कदम उठाए, जिसके बारे में एक फॉरेंसिक ऑडिट में जानकारी सामने आई है।सुनवाई की शुरुआत में, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन. वेंकटरमण ने यूनिटेक के केंद्र द्वारा नियुक्त बोर्ड का प्रतिनिधित्व करते हुए, न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की पीठ से कहा कि हजारों करोड़ से अधिक देश के बाहर हैं और कुछ पैसा तो वापस आना चाहिए, जिसका उपयोग निर्माण के उद्देश्य से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अदालत को ईडी से पूछना चाहिए कि अब तक क्या प्रगति हुई है।
स्थिति (स्टेटस) रिपोर्ट का हवाला देते हुए, ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहीं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल माधवी दीवान ने कहा कि कार्नोस्टी समूह के संबंध में कुर्क की गई संपत्तियों का बुक वैल्यू 328 करोड़ रुपये है और उनका बाजार मूल्य करीब 1,000 करोड़ रुपये है।
उन्होंने कहा, ईडी को कोई आपत्ति नहीं है, अगर धनराशि उपलब्ध कराई जाती है और उपयोग में लाई जाती है। ये धनराशि उपलब्ध हैं।
पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति एम. आर. शाह भी शामिल थे, ने ईडी से भारत के बाहर की धनराशि के बारे में पूछा, जिसके बारे में फोरेंसिक ऑडिट में दावा किया गया है कि 5,000 करोड़ रुपये देश से बाहर रखे गए हैं। पीठ ने सवाल पूछते हुए कहा कि इस मामले में अब ईडी की रणनीति क्या है या इसे वापस लाने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?
शीर्ष अदालत ने कहा कि वह विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत की शक्तियों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है और पीएमएलए अदालत के समक्ष एक आवेदन लेकर उचित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए, जबकि वह केवल इन मामलों में सुनवाई में तेजी ला सकती है।
पीठ ने कहा, आपको कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करना होगा। इन संपत्तियों को इस तरह से विनियोजित नहीं किया जा सकता है।
पीठ ने कहा कि कुछ चीजें हैं जो शीर्ष अदालत अनुच्छेद 142 के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते हुए कर सकती है और कुछ चीजें हैं जो वह नहीं कर सकती है।
जैसा कि शीर्ष अदालत को सूचित किया गया था कि कार्नोस्टी समूह को दिया गया यह पैसा घर खरीदारों का है, इसने ईडी को भारत के बाहर जमा धन की पहचान करने के लिए एक सूची तैयार करने के लिए कहा, जिसमें घर खरीदारों के 5,000 करोड़ रुपये की राशि शामिल है।
पीठ ने ईडी के वकील से कहा, ईडी इस पैसे को भारत वापस लाने के लिए क्या कदम उठा रही है. आगे का रास्ता क्या है? पीठ ने कहा कि वह उन कार्यवाही की निगरानी कर सकती है और यह सुनिश्चित कर सकती है कि प्रक्रिया में देरी न हो और जोर देकर कहा कि ये घर खरीदारों के फंड हैं।
ईडी ने पिछले साल अप्रैल में मनी लॉन्ड्रिंग के 10 अलग-अलग मामलों में 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति कुर्क की थी। इसने कहा था कि यूनिटेक ग्रुप ने अपराध की आय को डायवर्ट किया और बदले में, कार्नोस्टी ग्रुप की संस्थाओं ने इन फंडों से कई अचल संपत्तियां खरीदीं।
शीर्ष अदालत ने ईडी को उन कदमों के बारे में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा, जो कुर्क संपत्तियों से जुड़े हैं, ताकि इसका उपयोग रुकी हुई परियोजनाओं के निर्माण में किया जा सके।
दिसंबर 2019 में, शीर्ष अदालत ने केंद्र को स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति करके यूनिटेक के प्रबंधन को संभालने का निर्देश दिया था।
--आईएएनएस
एकेके/एएनएम