iGrain India - नई दिल्ली । कर्नाटक तथा राजस्थान की कुछ मंडियों में अगैती बिजाई वाली फसल की मूंग के नए माल की आपूर्ति का श्रीगणेश तो हो गया है लेकिन प्रतिकूल मौसम से फसल को हुए नुकसान से उत्पादन घटने की आशंका के कारण इसका भाव ऊंचा एवं तेज चल रहा है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार एक तो राष्ट्रीय स्तर पर मूंग के बिजाई क्षेत्र में गिरावट आई है और दूसरे प्रमुख उत्पादक राज्यों में वर्षा का अभाव भी देखा जा रहा है जिससे इसका उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
उत्तरी कर्नाटक की मंडियों में नई मूंग की आवक हो रही है। वहां अच्छी क्वालिटी के माल का भाव बढ़कर 10,000-11,000 रुपए प्रति क्विंटल की ऊंचाई पर पहुंच गया है जबकि हल्की क्वालिटी वाली मूंग का दाम 8800-10,000 रुपए प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है।
कर्नाटक में मूंग की कीमतों में जारी तेजी का वर्तमान रुख पिछले वर्षों से सर्वथा भिन्न या विपरीत है। पहले जब नई मूंग आती थी तब अक्सर उसका न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे रहता था लेकिन चालू खरीफ सीजन के दौरान राज्य में मूंग का क्षेत्रफल करीब 57 प्रतिशत घटने और मानसून की अच्छी वर्षा नहीं होने से इसके उत्पादन में भारी गिरावट आने की संभावना है इसलिए इस बार मूंग का भाव सरकारी समर्थन मूल्य 8558 रुपए प्रति क्विंटल से काफी ऊंचा खुला है।
चालू सप्ताह के प्रथम दिन यानी 28 अगस्त को उत्तरी कर्नाटक की प्रमुख उत्पादक मंडियों में मूंग का मॉडल मूल्य (जिस पर सर्वाधिक कारोबार होता है) 9388 रुपए से लेकर 11,143 रुपए प्रति क्विंटल के बीच दर्ज किया गया।
आगे भी कीमतों में मजबूती का माहौल बरकरार रह सकता है। एक अग्रणी एग्री कमॉडिटी मार्केट रिसर्च फर्म आई ग्रेन इंडिया के डायरेक्टर- राहुल चौहान के अनुसार खराब मौसम के कारण मूंग का भाव तेज हो रहा है।
कर्नाटक में सही समय पर अच्छी वर्षा नहीं होने से मूंग की बिजाई काफी घट गई। हालांकि राजस्थान में मध्य जून के बाद बिपरजॉय तूफान के कारण अच्छी वर्षा होने से किसानों को जल्दी-जल्दी मूंग की बिजाई का अवसर मिल गया लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर इसके क्षेत्रफल में काफी कमी आ गई।
यद्यपि सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- राजस्थान में 1 जून से अगस्त के अंतिम सप्ताह तक सामान्य औसत के मुकाबले करीब 15 प्रतिशत अधिशेष हुई लेकिन अगस्त में वर्षा 79 प्रतिशत कम हुई। इसमें वहां फसल की प्रगति में बाधा पड़ी।
उधर कर्नाटक में जून-अगस्त के दौरान 20 प्रतिशत कम वर्षा हुई जबकि अगस्त में यह कमी बढ़कर 74 प्रतिशत पर पहुंच गई। राहुल चौहान के मुताबिक राजस्थान में मूंग की अगैती बिजाई वाली फसल पकने लगी है और मौसम शुष्क होने से उसकी हालत अच्छी है लेकिन बाद में हुई बिजाई वाली फसल के लिए मौसम अनुकूल नहीं है। यदि शीघ्र ही वहां अच्छी वर्षा नहीं हुई तो राज्य में मूंग की औसत उपज दर घट सकती है और इसके दाने का आकार भी छोटा रह सकता है।