भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के हाल ही में पीक मार्जिन और निगरानी सहित उपायों ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के शेयरों पर अटकलों पर प्रभावी रूप से अंकुश लगा दिया है। हालांकि, लघु और मध्यम उद्यम (एसएमई) प्लेटफार्मों में अनियंत्रित अटकलों में उछाल देखा गया है, जैसा कि गुरुवार को बताया गया है।
स्टॉक एक्सचेंज अब इन एसएमई प्लेटफार्मों पर अतिरिक्त निगरानी उपाय (एएसएम) और व्यापार के लिए व्यापार निपटान को लागू कर रहे हैं। इस कदम का उद्देश्य खुदरा निवेशकों को आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) उन्माद से बचाना है, जैसा कि कहन पैकेजिंग (NYSE: PKG) के रिकॉर्ड तोड़ सब्सक्रिप्शन के दौरान देखा गया था।
BSE SME IPO इंडेक्स और NSE इमर्ज इंडेक्स में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसमें Nifty50 PE की तुलना में उच्च मूल्य से कमाई (PE) अनुपात का दावा किया गया है। इस तीव्र वृद्धि ने खुदरा निवेशकों के लिए संभावित जोखिमों को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।
इन चिंताओं के जवाब में, एसएमई प्लेटफॉर्म पर न्यूनतम सब्सक्रिप्शन और ट्रेडिंग लॉट साइज बढ़ाने के सुझाव दिए गए हैं। इस रणनीति से ऑफ़र दस्तावेज़ों की जांच की आवश्यकता के बिना सकारात्मक निवल मूल्य और परिचालन लाभ बनाए रखने की उम्मीद है। इस तरह के उपायों के कार्यान्वयन से खुदरा निवेशकों को सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत मिल सकती है, जिससे अनियंत्रित सट्टेबाजी से जुड़े जोखिमों को कम किया जा सकता है।
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