तिरुवनंतपुरम, 5 फरवरी ( आईएएनएस)। केंद्र द्वारा केरल के साथ वित्त के संबंध में किए जा रहे व्यवहार पर आपत्ति जताते हुए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिस पर कोर्ट सुनवाई कर रहा है। उधर, सोमवार को राज्य के वित्त मंत्री के. एन. बाल गोपाल ने विधानसभा में बजट पेश करने के दौरान केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया।वित्त मंत्री ने कहा, "केरल केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मोर्चे पर किए जा रहे शत्रुतापूर्ण व्यवहार के मद्देनजर मूकदर्शक बना नहीं रह सकता। केंद्र अपने इस व्यवहार से राज्य को इतिहास के सबसे बुरे वित्तीय संकट की ओर धकेल रहा है।"
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''थकरिल्ला केरलम, थलारिल्ला केरलम, थकरक्कनविला केरलाथे (केरल नहीं टूटेगा, केरल नहीं थकेगा, केरल को नष्ट नहीं किया जा सकता)।"
उन्होंने आगे कहा, "हमें इसी भावना के साथ आगे बढ़ना होगा। सरकार हमारी उपलब्धियों और प्रगति को आगे बढ़ाने में नेतृत्व प्रदान करेगी। साथ ही यह सुनिश्चित करेगी कि सभी केरलवासी एक नए केरलम (नवकेरलम) के निर्माण में एकजुट हों।"
वित्त मंत्री ने कहा, "हमें संघवाद के मूलभूत आदर्शों के तहत कानूनी और संवैधानिक अधिकारों को पुनः प्राप्त करने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार से न्याय की प्रतीक्षा करने के बजाय, राज्य सरकार निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों से पूंजी निवेश जुटाने के लिए अपने सभी संसाधनों का उपयोग करेगी, जिससे उसके सभी कार्यक्रमों का त्वरित कार्यान्वयन सुनिश्चित होगा।"
उन्होंने आगे कहा, "मौजूदा मॉडल को दृढ करने के साथ-साथ दक्षता और नवाचार को बढ़ावा देने वाले आउट-ऑफ-द-बॉक्स परियोजना कार्यान्वयन मॉडल भी अपनाए जाएंगे।"
वित्त मंत्री ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी ऐसी परियोजनाओं पर विशेष ध्यान रहेगा, जिन्हें कम से कम समय में पूरा किया जा सकता है। वहीं, विझिंजम और कोचीन बंदरगाहों में और उसके आसपास संबद्ध विकासात्मक गतिविधियां, कोच्चि, पलक्कड़ और कन्नूर के औद्योगिक गलियारों का विकास और आईटी-आईटी (आईटीईएस) में सक्षम सेवाएं प्रदान करने के लिए भूमि पहले ही अधिग्रहित की जा चुकी है।
--आईएएनएस
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