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यूपी में फसलों के मुआवजे से छूटे 3.50 लाख से अधिक किसानों को करीब 177 करोड़ देगी सरकार

प्रकाशित 12/02/2024, 09:47 pm
यूपी में फसलों के मुआवजे से छूटे 3.50 लाख से अधिक किसानों को करीब 177 करोड़ देगी सरकार

लखनऊ, 12 फरवरी (आईएएनएस)। पिछले दो वर्षों में आपदाओं से क्षतिग्रस्त फसलों के नुकसान के मुआवजे से छूटे किसानों को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने तकनीकी कारणों से वित्तीय वर्ष 2021-22 और वर्ष 2022-23 में मुआवजे से छूटे प्रदेश के साढ़े तीन लाख से अधिक किसानों को 1 अरब 76 करोड़ से अधिक धनराशि जल्द से जल्द खाते में ट्रांसफर करने के निर्देश दिए हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न आपदाओं से क्षतिग्रस्त हुई फसलों के मुआवजे और अन्य राहत को लेकर समीक्षा बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने त्रुटियों के कारण फसलों के नुकसान के दोबारा सत्यापन में लापरवाही और मुआवजा जारी नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए 17 जिलों के एडीएम एफआर से जवाब तलब किया था।

साथ ही, अधिकारियों को ऐसे मामलों में तत्काल सत्यापन कराकर किसानों को मुआवजा राशि प्रदान करने के स्पष्ट निर्देश दिये थे।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में जनवरी तक 1,87,845 से अधिक किसानों को 80,88,68,299 रुपये से अधिक की सहायता धनराशि वितरित की जा चुकी है।

अपर मुख्य सचिव सुधीर गर्ग ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुआवजे से छूटे किसानों को सहायता धनराशि देने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में दोबारा सर्वे कराया गया। सर्वे में पाया गया कि प्रदेश के वित्तीय वर्ष 2021-22 और वर्ष 2022-233 में कुल 3,76,287 किसान आपदाओं से क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे से छूट गये थे। इसमें वित्तीय वर्ष 2021-22 के 2,27,735 किसान और वर्ष 2022-23 के 1,48,552 किसान शामिल हैं। इस पर प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों से छूटे किसानों को मुआवजा देने के लिए धनराशि की मांग करने के निर्देश दिये गये थे।

प्रदेश के सभी 75 जिलों से दोनों वित्तीय वर्ष के लिए कुल 1,76,96,63,245 रुपये की धनराशि की मांग की गई है। इसमें वित्तीय वर्ष 2021-22 में 77,36,83,239 रुपये और वर्ष 2022-23 में 59,59,80,006 रुपये की धनराशि शामिल है।

राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि आपदाओं से क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित बड़ी तादाद में किसानों के डाटा फिडिंग के दौरान आधार, खाता संख्या में गलती और डुप्लीकेसी के कारण मुआवजे का भुगतान नहीं हो पाता है। ऐसे में, दाेबारा सत्यापन कराया जाता है, लेकिन जिलास्तर पर पिछले दो वर्षों में इसमें लापरवाही की गई, जिससे किसानों को मुआवजा जारी नहीं किया जा सका।

--आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

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