कोलकाता, 3 अक्टूबर (आईएएनएस) । एक रणनीतिक कदम के तहत तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी ने मंगलवार सुबह कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ से संपर्क किया और पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के स्कूल में नौकरी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच पर 29 सितंबर को न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा के आदेश पर स्पष्टीकरण मांगा। मंगलवार को ही बनर्जी को स्कूल नौकरी मामले के संबंध में पूछताछ के लिए कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में ईडी के साल्ट लेक कार्यालय में उपस्थित होना है। लेकिन बनर्जी ने स्पष्ट कर दिया था कि वह नई दिल्ली में अपनी राजनीतिक व्यस्तता के कारण मंगलवार को केंद्रीय एजेंसी कार्यालय में उपस्थित नहीं होंगे।
29 सितंबर को जस्टिस सिन्हा ने ईडी को निर्देश दिया था कि उनकी निर्धारित जांच प्रक्रिया किसी भी कीमत पर बाधित नहीं होनी चाहिए और जांच को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय एजेंसी कानूनी प्रावधानों के अनुसार कोई भी कदम उठाने के लिए स्वतंत्र होगी।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि चूंकि न्यायमूर्ति सिन्हा के आदेश ने ईडी पर अप्रत्यक्ष रूप से दबाव डाला है कि अगर बनर्जी मंगलवार को कोलकाता में ईडी के साल्ट लेक कार्यालय में उपस्थित नहीं होते हैं, तो कड़ी कार्रवाई की जाए, इसलिए संभवतः कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ में एक नई याचिका दायर की गई है और न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति उदय कुमार से 29 सितंबर को इस संबंध में न्यायमूर्ति सिन्हा के आदेश पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
ताजा याचिका में, बनर्जी के वकील ने दावा किया है कि जिस मामले में न्यायमूर्ति सिन्हा ने केंद्रीय एजेंसी को निर्देश दिया था, वह उनके मुवक्किल से जुड़ा नहीं है। इसलिए वह आदेश सीधे तौर पर उसके अधिकारों और हितों का उल्लंघन करता है। उनके वकील ने जांच प्रक्रिया को न्यायिक रूप से प्रभावित करने की भी शिकायत की है ,क्योंकि संबंधित न्यायाधीश ने केंद्रीय एजेंसी को उनके मुवक्किल के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
वकील ने यह भी बताया कि संबंधित न्यायाधीश ने केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी कहा था, यदि केंद्रीय एजेंसी ने तदनुसार कार्रवाई नहीं की और इस प्रकार मामले में भय का माहौल पैदा हो गया।
--आईएएनएस
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