नई दिल्ली, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल (NS:SAIL) की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटीजिक ऑपरेशन (आईएफएसओ) इकाई ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छेड़छाड़ किये गये वीडियो के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए एक्स और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को लिखा है। जांच की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया, "हमने वीडियो के बारे में एक्स, जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था, और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को लिखा है। हम वीडियो के स्रोत और इसके व्यापक प्रसार के लिए जिम्मेदार लोगों, दोनों की जांच कर रहे हैं।"
वास्तव में, गृह मंत्री ने तेलंगाना में मुसलमानों के लिए आरक्षण समाप्त करने की प्रतिबद्धता जताई थी, लेकिन वीडियो से छेड़छाड़ कर यह जताने की कोशिश की गई कि वह सभी वर्गों के लिए आरक्षण समाप्त करने की बात कर रहे हैं।
भाजपा और केंद्रीय गृह मंत्रालय की शिकायत पर आईएफएसओ ने रविवार को मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आईपीसी की धारा 153, 153ए, 465,469 तथा 171जी, और आईटी एक्ट की धारा 66सी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एफआईआर में, जिसकी कॉपी आईएएनएस के पास उपलब्ध है, गृह मंत्रालय ने अपनी शिकायत में कहा है कि "फेसबुक (NASDAQ:META) और ट्विटर (अब एक्स) के यूजरों द्वारा कुछ छेड़छाड़ किये गये वीडियो" सर्कुलेट करने की जानकारी मिली है।
शिकायत में मंत्रालय ने वीडियो के लिंक भी साझा किये थे।
इस वीडियो के सामने आने के बाद विवाद पैदा हो गया था जिससे ऐसा लगता है कि गृह मंत्री अमित शाह की मंशा अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटा) ओर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण समाप्त करने की है।
--आईएएनएस
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