नई दिल्ली, 20 जनवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के आदेश को चुनौती देने वाली गूगल की याचिका पर विचार करने से इनकार करने पर गूगल ने शुक्रवार को कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा कर रहा है। ट्रिब्यूनल ने तकनीकी दिग्गज पर 1337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। कंपनी के एक प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि एंड्रॉइड ने भारतीय उपयोगकर्ताओं, डेवलपर्स और ओईएम को बहुत लाभान्वित किया है और भारत के डिजिटल परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हम अपने उपयोगकर्ताओं और भागीदारों के लिए प्रतिबद्ध हैं और हमा सीसीआई के साथ सहयोग करेंगे।
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और जे.बी. पारदीवाला ने कहा कि सीसीआई के निष्कर्षों को क्षेत्राधिकार के बिना या प्रकट त्रुटि के साथ नहीं कहा जा सकता है और उन्होंने एनसीएलएटी के आदेश की पुष्टि की, जिसने गूगल को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था।
पीठ ने एनसीएलएटी को 31 मार्च तक गूगल की अपील का निस्तारण करने का निर्देश दिया और सीसीआई द्वारा लगाए गए जुर्माने का 10 प्रतिशत जमा करने के लिए गूगल को सात दिन का समय दिया।
11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने एनएसीएलएटी के फैसले के खिलाफ गूगल की अपील की जांच करने के लिए सहमत हो गया था। जिसमें प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा उस पर लगाए गए 1,337.76 करोड़ रुपये के जुर्माने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
एनसीएलएटी में झटके के बाद गूगल ने शीर्ष अदालत का रुख किया, जिसने एंड्रॉइड मोबाइल डिवाइस इकोसिस्टम मामले में कई बाजारों में प्रमुख स्थिति के दुरुपयोग पर सीसीआई के आदेश पर रोक नहीं लगाई।
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