गुवाहाटी, 23 जुलाई (आईएएनएस)। असम सरकार ने इस साल 2 अक्टूबर से एक लीटर से कम क्षमता वाली पीईटी पेयजल बोतलों के निर्माण और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने खुद इसकी घोषणा की थी।असम में आम आदमी पार्टी (आप) की राज्य इकाई ने प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के कदम का स्वागत किया है। साथ ही विपक्षी दल ने मांग की कि सरकार को हर घर में शुद्ध पेयजल की मुफ्त आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए।
असम में आप के प्रदेश अध्यक्ष भाबेन चौधरी ने कहा कि राज्य भर में सार्वजनिक स्थानों पर पीने के पानी की सुविधाएं कम हैं। यदि सरकार पीईटी पेयजल बोतलों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाती है, तो अधिक सार्वजनिक पेयजल सुविधाएं होनी चाहिए।
आप नेता ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण राजय में विफल रही है।
इससे पहले, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा: "राज्य कैबिनेट ने एक लीटर से कम मात्रा वाली पीईटी से बनी पीने के पानी की बोतलों के उत्पादन और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2021 के अनुसार राज्य में एकल-उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने की मंजूरी दे दी है। प्रतिबंध इस साल 2 अक्टूबर से लागू किया जाएगा, उस तारीख से 3 महीने की संक्रमण अवधि प्रदान की जाएगी।"
सरमा के अनुसार, राज्य मंत्रिमंडल ने 1 लीटर से कम मात्रा वाली पीईटी से बनी पीने के पानी की बोतलों के उत्पादन और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2021 के अनुसार राज्य में एकल-उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने को मंजूरी दे दी है। प्रतिबंध इस साल 2 अक्टूबर से लागू किया जाएगा और उस तारीख तक तीन महीने की संक्रमण अवधि प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा, "इसके अलावा, हमने फैसला किया है कि अगले साल 2 अक्टूबर से दो लीटर से कम पीईटी से बनी पीने के पानी की बोतलों के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।" इस पहल को लागू करने में
--आईएएनएस
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