बीजिंग, 18 सितंबर (आईएएनएस)। क्यूबा में दो दिवसीय "जी-77 और चीन" शिखर सम्मेलन राजधानी हवाना में संपन्न हुआ। शिखर सम्मेलन ने "हवाना घोषणा-पत्र" जारी कर अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना के व्यापक सुधार और अधिक समावेशी व समन्वित वैश्विक आर्थिक शासन पैटर्न की स्थापना करने का आह्वान किया।घोषणा-पत्र में कहा गया कि वर्तमान अनुचित अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था के कारण उत्पन्न चुनौतियों ने विकासशील देशों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना में सुधार की तत्काल आवश्यकता है। विकासशील देशों को एकजुटता और सहयोग को मजबूत करना चाहिए और वैश्विक निर्णय लेने वाले निकायों में अपना प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहिए।
घोषणा-पत्र में कहा गया है कि सभी संबंधित पक्षों को संयुक्त परामर्श, सह-निर्माण और साझाकरण के आधार पर वैश्विक विकास और उभय जीत वाले सहयोग प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए और मानव जाति के साझा भाग्य वाले समुदाय के निर्माण को बढ़ावा देना चाहिए।
इस शिखर सम्मेलन की थीम, यानी "वर्तमान विकास के सामने मौजूद चुनौतियां : विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की भूमिका" पर ध्यान केंद्रित करते हुए, घोषणा-पत्र में बताया गया कि विकासशील देशों के सतत विकास को बढ़ावा देने में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का बहुत महत्व है, उत्तर-दक्षिण और दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत किया जाना चाहिए।
घोषणा-पत्र में 16 सितंबर को "दक्षिणी देशों का विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार दिवस" के रूप में नामित किया गया।
इसके अलावा, शिखर सम्मेलन ने एक अलग बयान जारी कर मेक्सिको को "जी-77 और चीन" तंत्र में फिर से शामिल होने पर सहमति व्यक्त की।
बता दें कि मौजूदा शिखर सम्मेलन की मेजबानी क्यूबा ने की, जिसके पास "जी-77 और चीन" की आवर्ती अध्यक्षता है। शिखर सम्मेलन में 31 देशों के राष्ट्राध्यक्षों या शासनाध्यक्षों, कई अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के प्रमुखों और 116 देशों के उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडलों ने भाग लिया।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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