रांची, 4 अगस्त (आईएएनएस)। झारखंड के विधायक तनख्वाह और भत्तों के मामले में अब देश में सबसे “अमीर” होंगे। वेतन वृद्धि के लिए गठित विशेष समिति की रिपोर्ट लागू होते ही विधायकों को हर महीने तकरीबन 2.88 लाख रुपए मिलेंगे। देश के किसी भी राज्य के विधायक को फिलहाल वेतन-भत्ते के मद में इतनी रकम नहीं मिलती।
फिलहाल, तेलंगाना के विधायकों को इस मद में सबसे ज्यादा हर महीने करीब 2.50 लाख रुपए मिलते हैं। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में ही पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने सर्वसम्मति से वेतन वृद्धि का प्रस्ताव पारित किया था।
इसी प्रस्ताव के आधार पर पांच विधायकों की विशेष समिति गठित की गई थी, जिसने विधानसभा के चालू सत्र में अपनी रिपोर्ट स्पीकर को सौंप दी है।
वेतन वृद्धि की रिपोर्ट तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष भाजपा के वरिष्ठ विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी थे। जबकि, इसमें कांग्रेस के प्रदीप यादव, दीपिक पांडेय सिंह, झामुमो के समीर कुमार मोहंती और भाजपा के भानुप्रताप शाही शामिल थे।
तय माना जा रहा है कि विशेष समिति की रिपोर्ट जल्द ही लागू कर दी जाएगी, क्योंकि सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक के विधायक इस पर एकमत हैं।
झारखंड 15 नवंबर 2000 को अलग राज्य के तौर पर अस्तित्व में आया। इसके बाद से सातवीं बार विधायकों के वेतन-भत्ते में वृद्धि होने जा रही है। इसके पहले वर्ष 2017 में तत्कालीन रघुवर दास की सरकार के कार्यकाल में विधायकों के वेतन-भत्तों में करीब 33 फीसदी बढ़ोतरी की गई।
वर्ष 2001 में झारखंड के विधायकों को वेतन-भत्ते के रूप में महज 19,800 रुपए मिलते थे। अब नई वेतन वृद्धि के बाद 2001 की तुलना में करीब 14 गुना ज्यादा पैसे मिलेंगे।
बता दें कि दिल्ली में विधायकों के वेतन-भत्ते 95 हजार हैं। वहां प्रति व्यक्ति आय 4.45 लाख रुपए है और प्रति व्यक्ति लोन 19,571 रुपए है।
झारखंड में प्रति व्यक्ति आय 91 हजार रुपए है और प्रति व्यक्ति लोन 30 हजार रुपए है। इस हिसाब से भी देखें तो झारखंड में विधायक दिल्ली ही नहीं, देश के ज्यादातर राज्यों से आगे हैं।
विधानसभा की एक अन्य विशेष समिति ने झारखंड के पूर्व विधानसभा अध्यक्षों की सुविधाओं में इजाफे की सिफारिश की है। इसके अनुसार पूर्व विधानसभा अध्यक्षों को पहले की तुलना में बड़ा आवास (एफ टाइप), एक आप्त सचिव, दो रूटिन क्लर्क, दो अनुसेवक, एक कार चालक और प्रतिमाह 300 लीटर ईंधन देने की अनुशंसा की गई है।
विधायकों के वेतन-भत्ते इस प्रकार बढ़ेंगे :-
वेतन 40 हजार रुपये मासिक से बढ़कर 60 हजार रुपये।
सवारी भत्ता 3000 की जगह 5000 रुपये मासिक।
क्षेत्रीय भत्ता 65 हजार रुपये की जगह 80 हजार रुपये।
कार के लिए 20 लाख लोन (चार प्रतिशत ब्याज पर)।
स्टेशनरी के लिए 10 हजार रुपये मासिक।
दैनिक भत्ता 2000 रुपये राज्य में, और 2500 रुपये राज्य के बाहर।
रेल, हवाई और पथ परिवहन के लिए 60 हजार का कूपन।
चिकित्सा भत्ता आईएएस के समान।
दूरभाष, मोबाइल, इंटरनेट के लिए सालाना एक लाख।
उपस्कर एवं आवास सज्जा के लिए तीन लाख रुपये सालाना।
समाचार पत्र-पत्रिकाओं के लिए 2000 की जगह 3000 प्रतिमाह।
आवास (राज्य सरकार के नियमानुसार)।
आयकर की राशि का भुगतान राज्य सरकार करेगी।
40 लाख का होम लोन (चार प्रतिशत ब्याज पर)।
पूर्व विधायकों को पेंशन 50 हजार रुपया प्रतिमाह।
पारिवारिक पेंशन, पेंशन राशि का 75 प्रतिशत।
दिल्ली स्थित झारखंड भवन में 100 रुपये में कमरा।
निजी परिसहाय को 15 हजार प्रतिमाह।
कंप्यूटर-लैपटॉप के लिए एक लाख।
निजी सहायक को 50 हजार रुपये मासिक।
--आईएएनएस
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