नई दिल्ली, 23 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ममता बनर्जी, राहुल गांधी और विपक्षी गठबंधन के अन्य दलों पर ओबीसी का आरक्षण छीनकर एक धर्म विशेष के लोगों को देने का आरोप लगाते हुए कहा कि तुष्टीकरण ही कांग्रेस और टीएमसी जैसी पार्टियों की खुराक है। कांग्रेस और इंडी गठबंधन के सारे घटक दल इसी तुष्टीकरण की राजनीति पर चल कर दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों का हक मारने का काम कर रहे हैं।उन्होंने कहा, भाजपा इस षड्यंत्र को चलने नहीं देगी। देश की जनता सच देख रही है और अब जनता इसका जवाब देगी। भाजपा अकेले 370 और एनडीए के साथ 400 पार कर सरकार बनाएगी।
भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सत्ता में आते ही ममता बनर्जी ने वोटबैंक की राजनीति की, बांग्लादेशियों और रोहिंग्या तक के ओबीसी सर्टिफिकेट बना दिए गए, बिना किसी नियम का पालन किए 118 जातियों को ओबीसी श्रेणी में डाल दिया, अल्पसंख्यकों के भी ओबीसी सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए, जिसे कोलकाता हाई कोर्ट ने फर्जी बताते हुए रद्द कर दिया। कोलकाता हाई कोर्ट द्वारा उसे रद्द कर दिए जाने के बाद अब ममता बनर्जी कह रही हैं कि वह अदालत के आदेश को भी नहीं मानेंगी।
चौहान ने कहा कि सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करने वाली ममता बनर्जी की पोल खुल गई है, लेकिन वह अब हाई कोर्ट के फैसले को ही मानने से इनकार कर रही हैं। क्या वह संविधान से ऊपर हैं।
उन्होंने बंगाल सीएम के बयान को अहंकार और अराजकता की पराकाष्ठा बताते हुए कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण देने वाली ममता बनर्जी को पद पर बने रहने का अधिकार नहीं हैं।
चौहान ने विपक्षी गठबंधन पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि तुष्टीकरण ही कांग्रेस और टीएमसी जैसी पार्टियों की खुराक है। इसके बिना ये पार्टियां एक दिन भी चल नहीं सकती हैं। सिर्फ अपने वोट बैंक को बनाए रखने के लिए ये दल ओबीसी का आरक्षण छीनकर एक धर्म विशेष के लोगों को दे रहे हैं, क्या यह न्याय संगत है ?
उन्होंने कांग्रेस को गरीब, दलित, आदिवासी और पिछड़ा विरोधी बताते हुए कहा कि राहुल गांधी ने भी कल इस बड़े सच को स्वीकार कर लिया। शिवराज ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा एससी, एसटी और ओबीसी के हक पर डाका डाला है और बाबा साहब अंबेडकर का अपमान किया है। कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में ओबीसी अधिकारों पर डाका डाल कर अल्पसंख्यकों देने का पाप किया है।
--आईएएनएस
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