नई दिल्ली, 2 जून (आईएएनएस)। देश के जाने-माने चुनाव विश्लेषक और सर्वे एजेंसी एक्सिस माय इंडिया के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. प्रदीप गुप्ता ने आईएएनएस से खास बातचीत की। जिसमें उन्होंने एग्जिट पोल से लेकर, मोदी फैक्टर, राहुल गांधी के 'खटाखट-खटाखट' जैसे चुनावी कैंपेन को लेकर जवाब दिया।
क्या राहुल गांधी के नाम की भी कहीं कोई वेव दिखाई पड़ी है या कांग्रेस के कैंडिडेट लोकल समीकरण के आधार पर जीत रहे हैं?
इस सवाल के जवाब में आईएएनएस के साथ साक्षात्कार में प्रदीप गुप्ता ने कहा, ''राहुल गांधी या कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के लिए चुनाव लड़ा है। क्षेत्रीय पार्टियों ने अलग-अलग क्षेत्रों में चुनाव लड़ा है जैसे तमिलनाडु, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड में चुनाव वहां की क्षेत्रीय पार्टियों ने लड़ा है। राहुल गांधी ब्रांड के तौर पर तो नजर नहीं आते, कांग्रेस की जहां सरकार है कर्नाटक, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश में वहां पर कांग्रेस के मतदाता राहुल गांधी के नाम पर वोट नहीं देते हैं, बल्कि वहां की कांग्रेस सरकार सुविधाओं और व्यवस्थाओं के आधार पर वोट मांगती है और स्थानीय लोग इसी पर वोट देते हैं।''
कांग्रेस की 'फ्री' वाली गारंटियों का क्या असर दिखा है, राहुल गांधी के 'खटाखट-खटाखट' जैसे मुहावरों का असर इस चुनाव में क्यों नहीं दिखा?
इसके जवाब में उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान 'खटाखट-खटाखट' जैसे कैंपेन और मुहावरे तब काम आते हैं, जब कंटेंट हो और प्रोडक्ट होना चाहिए, तभी उसकी मार्केटिंग की जा सकती है। पैकेजिंग और मार्केटिंग एक अभिन्न हिस्सा है, लेकिन आपके प्रोडेक्ट के बिना मार्केटिंग अमूमन काम नहीं आती है।
बता दें कि एक्सिस माय इंडिया ने अपने सर्वे में देश की 543 लोकसभा सीटों को लेकर जो अनुमान लगाया है, उसके मुताबिक इस बार एनडीए को 361 से 401 सीटें मिल सकती है। जबकि, इंडिया गठबंधन के पक्ष में 131 से 166 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। इस सर्वे में बताया गया है कि अन्य को 8 से 20 सीटें मिल सकती हैं।
--आईएएनएस
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