नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)। राज्यसभा में बजट पर चर्चा करते हुए भाजपा अध्यक्ष व नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को लगातार तीसरी बार चुना गया और उन्हें जनता का समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि 60 साल पहले जब नेहरू जी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री का पद संभाला था, तो उस समय आजादी का एक यूफोरिया था। कांग्रेस पार्टी ने अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई में योगदान दिया था और विपक्ष भी बिखरा था। छोटी-छोटी पार्टियां उस समय उभर रही थीं। लेकिन, 2024 का चुनाव तब हुआ, जब विपक्ष भी मजबूत था और राजनीतिक दृष्टि से लोग जागरूक हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार चुनाव जीता है।
इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ लोग तीसरी बार लगातार प्रयास करने के बाद भी 100 का अंक नहीं ला सके। उन्होंने विपक्ष के लिए कहा कि सारी पार्टियां मिला लें तो भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से पीछे हैं। कांग्रेस 13 राज्यों में जीरो है। गुजरात, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ की 64 सीटों में से केवल दो सीटें ला सकी, बाकी सभी 62 सीटें भारतीय जनता पार्टी ने जीती।
उन्होंने कहा कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर को डिजिटल इंडिया बनाने का काम किया गया। इसके माध्यम से 37 लाख करोड़ रुपए प्रधानमंत्री ने भारत के आम लोगों के खाते में डालने का काम किया है। लीकेज पर रोक लगने के कारण से पांच करोड़ फर्जी राशन कार्ड समाप्त हुए। चार करोड़ फर्जी एलपीजी सब्सिडी थी, वह खत्म हुई। मनरेगा में सात करोड़ बोगस नाम थे। लीकेज रोकने के कारण सरकार का 2.5 लाख करोड़ रुपया बचा है। गरीब कल्याण के कार्यों के कारण भाजपा को जीत मिली है।
राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि यह जनादेश स्थायित्व का जनादेश है। यह जनादेश निरंतरता का जनादेश है। यह जनादेश गुड गवर्नेंस का जनादेश है और यह जनादेश विकसित भारत का जनादेश है। यह एक विजनरी बजट है। इस बजट में दूरदर्शिता भी है और वर्तमान आवश्यकताओं की पूर्ति भी करता है। इस बजट की प्राथमिकता इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना है। यह सबके लिए समान अवसर देने वाला बजट है। यह बजट रोजगार सृजन करने वाला बजट है। यह बजट हमारे भारत को ग्लोबल स्टार्टअप हब बनाने की ओर अग्रसर करता है।
उन्होंने कहा कि यह एक समावेशी और सबकी चिंता करने वाला बजट है। बजट देश का हो या किसी प्रदेश का हो, किसी संस्था या परिवार का हो, बजट तीन बातों पर निर्भर करता है- आमदनी, खर्च और आमदनी व खर्च के बीच में कोई लीकेज तो नहीं है। हमें यह ध्यान रखना होता है कि खर्च किस पर कर रहे हैं। लंबे समय तक जो लोग देश पर राज करते रहे, उन्होंने इन चीजों पर ध्यान नहीं दिया। इस वजह से आमदनी और लीकेज का बहुत गहरा रिश्ता रहा। जेपी नड्डा ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के वक्तव्य का जिक्र करते हुए बताया कि उन्होंने कहा था, '1 रुपया भेजता हूं और 85 पैसा बीच में ही खत्म हो जाता है, 15 पैसा ही जनता तक पहुंचता है।' नड्डा ने कहा कि केवल आंकड़ों से देश नहीं चलता, बल्कि लीक प्रूफ पॉलिसी की जरूरत होती है।
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