नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएएनएस)। दोस्तों का हम सबकी जिंदगी में अहम स्थान होता है, लेकिन वे आपके जीवन को बदतर भी बना सकते हैं। एक शोध में पता चला है कि उनके अनुवांशिक गुणों के प्रभाव में आकर आप नशे की लत के शिकार हो सकते हैं और चिंता तथा हताशा जैसी मानसिक बीमारियां भी हो सकती हैं।शोध में बताया गया है कि किसी दोस्त के साथ लंबे समय तक संपर्क में रहने से उनके अनुवांशिक गुणों का प्रभाव हमारे ऊपर भी पड़ता है और हम नशीली दवाओं तथा शराब के उपयोग संबंधी विकारों, अवसाद और चिंता से ग्रस्त हो सकते हैं।
रटगर्स रॉबर्ट वुड जॉनसन मेडिकल स्कूल में मनोचिकित्सा की एसोसिएट प्रोफेसर और अध्ययन की मुख्य लेखिका जेसिका ई. साल्वाटोर ने कहा, "दोस्तों के मनोवैज्ञानिक और मादक द्रव्यों के सेवन संबंधी विकारों की अनुवांशिक प्रवृत्ति के कारण शुरुआती युवावस्था में व्यक्ति के वैसे ही विकारों का शिकार होने का जोखिम होता है।"
उन्होंने कहा, "हमारा डाटा सामाजिक अनुवांशिक प्रभावों के दूरगामी परिणामों का उदाहरण है।"
सामाजिक-जीनोमिक्स एक उभरता हुआ क्षेत्र है जिसमें एक व्यक्ति के जीनोटाइप का दूसरे व्यक्ति पर पड़ने वाले आसानी से दिखने वाले प्रभावों का अध्ययन किया जाता है। इसका परीक्षण करने के लिए, साल्वाटोर और उनके सहयोगियों ने स्वीडन के राष्ट्रीय आंकड़ों का उपयोग किया। इस डाटाबेस में 1980 और 1998 के बीच स्वीडन में जन्मे 15 लाख से अधिक व्यक्ति शामिल थे।
शोधकर्ताओं ने किशोरावस्था के दौरान स्थान और स्कूल के आधार पर लोगों की मैपिंग की और युवावस्था के दौरान पदार्थ के उपयोग और मानसिक स्वास्थ्य विकारों का दस्तावेजीकरण करने के लिए चिकित्सा, फार्मेसी और कानूनी रजिस्ट्री का उपयोग किया।
मॉडल ने मूल्यांकन किया कि क्या साथियों की आनुवंशिक प्रवृत्तियों के आधार पर युवावस्था के दौरान नशे के उपयोग, प्रमुख अवसाद और चिंता विकार का अनुभव करने वाले लक्षित व्यक्तियों की संभावना की भविष्यवाणी की जा सकती है।
शोध में यह भी पाया गया कि साथियों की आनुवंशिक प्रवृत्तियों और लक्षित व्यक्तियों में मादक पदार्थ के उपयोग या मानसिक विकार की संभावना के बीच एक स्पष्ट संबंध है।
स्कूल समूहों के भीतर, सबसे मजबूत प्रभाव उच्च माध्यमिक विद्यालय के सहपाठियों में थे, विशेष रूप से एक साथ व्यावसायिक या कॉलेज से पहले की पढ़ाई करने वाले 16 से 19 वर्ष के किशोरों के बीच।
स्कूल-आधारित साथियों का सामाजिक आनुवंशिक प्रभाव अवसाद और चिंता की तुलना में नशीली दवाओं और शराब के उपयोग के के लिए अधिक दिखा।
साल्वाटोर ने कहा कि विश्लेषण में पाया गया कि साथियों की अनुवांशिक प्रवृत्तियां लक्षित व्यक्तियों के विकार की संभावना से जुड़ी थीं।
--आईएएनएस
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