💎 आज के बाजार में सबसे स्वस्थ कंपनियों को देखेंशुरू करें

काकोरी कांड के 100 साल, अंग्रेजी हुकूमत का लूटा खजाना, एक चादर से पुलिस को मिला सुराग

प्रकाशित 09/08/2024, 09:31 pm
काकोरी कांड के 100 साल, अंग्रेजी हुकूमत का लूटा खजाना, एक चादर से पुलिस को मिला सुराग

नई दिल्ली, 9 अगस्त, (आईएएनएस)। आज हम अपने देश में खुली हवा में सांस ले रहे हैं तो इसमें हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का बहुत बड़ा हाथ है। हमारी स्वतंत्रता के लिए इन आजादी के मतवालों ने क्या कुछ नहीं किया। चाहें इंग्लिश अधिकारी सांडर्स की हत्या हो, गांधी जी के एक आह्वान पर देशवासियों का एक पंक्ति में खड़ा हो जाना हो या चौरीचौरा में 3 भारतीय नागरिकों की मौत के बाद गुस्साई भीड़ का थाना फूंकना हो या फिर उसके दो साल बाद काकोरी में क्रांतिकारियों का ट्रेन को लूटना हो। अंग्रेजों का खजाना लूटने की हिमाकत 10 युवा क्रांतिकारियों ने दिखाई थी। योजनाबद्ध तरीके से हमला बोला, अपने बुद्धि विवेक के बल पर एक स्टेशन पर धावा बोला और अंग्रेजों को नाको चने चबवा दिए। कहानी वहीं से शुरू होती है जहां से असहयोग आंदोलन के समापन का ऐलान हुआ था।

1922 में चौरी चौरा कांड में 22 पुलिसकर्मियों की हत्या से दुखी होकर गांधी जी ने अपने असहयोग आंदोलन को वापस ले लिया। कांग्रेस पार्टी का एक धड़ा इस आंदोलन की वापसी नहीं चाहता था। क्रांतिकारी दो हिस्सों में बंट गए गरम दल और नरम दल।

गरम दल का मानना था कि आजादी अहिंसा से नहीं बल्कि बंदूक से ली जाएगी, जिसके लिए उन्हें हथियार खरीद के लिए पैसे की जरूरत पड़ेगी और यहीं रच दी गई काकोरी ट्रेन लूट कांड की पटकथा। साल 1925 और तारीख थी 9 अगस्त।

सहारनपुर से चलने वाली 8 डाउन पैसेंजर में रोशन सिंह, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफ़ाक़ुल्लाह खां , राजेंद्र लाहिड़ी, दुर्गा भगवती चंद्र वोहरा, सचींद्र बक्शी, चंद्रशेखर आजाद, बनवारी लाल, मुकुंदी लाल, सचिंद्र नाथ सान्याल और मन्मथ नाथ गुप्ता को मिलाकर कुल 10 क्रांतिकारी सवार हुए।

योजना के अनुसार अशफ़ाकुल्लाह खां, राजेंद्र लाहिड़ी और सचींद्र बक्शी सेकंड क्लास में और बाकी सब थर्ड क्लास में बिठाए गए। यूं ही नहीं ऐसी रणनीति बनाई गई बल्कि इन तीन क्रांतिकारियों के सेकंड क्लास में यात्रा करने की वजह ट्रेन को रोकना था। ट्रेन की जंजीर खींच कर तय समय पर, तय जगह पर रोकने की योजना थी। पंजाबी पत्रिका किरती में भगत सिंह ने बताया था कि उन्हें पता था कि थर्ड क्लास की जंजीर भी थर्ड क्लास सी ही होती है इसलिए सेकेंड क्लास में बैठे क्रांतिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई।

ट्रेन जैसे ही हरदोई की सीमा को पार करते हुए काकोरी पहुंची तय योजना के मुताबिक चेन खींच दी गई। गार्ड के डिब्बें में रखे सरकारी खजाने को लूट लिया गया। अंग्रेजी पुलिसकर्मियों और क्रांतिकारियों के बीच गोलीबारी शुरू हुई। इस दौरान क्रांतिकारियों के लाख मना करने के बावजूद एक शख्स डिब्बे से निकला और मन्मथ नाथ गुप्ता की गोली का शिकार हो गया।

गोलीबारी के बीच पास ही मौजूद आम के बाग में 200 किलो खजाने से भरे बक्से को ले जाया गया। यहीं अशफ़ाक़ुल्लाह खां ने इसे कुल्हाड़ी से काटा। सब कुछ एक चादर में बांध आजादी के मतवाले वहां से फरार हो गए। इस खजाने में कुल 4601 रुपए थे।

इस लूट के बाद मौके पर पहुंची अंग्रेज पुलिस को एक चादर बरामद हुई जिस पर लखनऊ के उस धर्मशाला की मोहर लगी थी, जिसमें ये क्रांतिकारी अक्सर रुकते था।

सीआईडी अधिकारी हार्टन ने काकोरी कांड की जांच की जिम्मेदारी संभालते हुए इस कांड की सच्चाई को उजागर किया। पुलिस ने तेज-तर्रार कार्रवाई करते हुए सितंबर का महीना आते-आते बड़ी संख्या में क्रांतिकारी और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया। इन गिरफ्तारियों में रोशन सिंह, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, राजेंद्र लाहिड़ी जैसे नाम प्रमुख थे।

काकोरी कांड के बाद, गिरफ्तार किए गए क्रांतिकारियों की कानूनी जांच की गई। 6 अप्रैल 1927 को अदालत ने अपना अंतिम फैसला सुनाया। रोशन सिंह, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ाँ, और राजेंद्र लाहिड़ी को फांसी की सजा सुनाई गई। अन्य को 14 साल तक की सजा दी गई। 2 लोग सरकारी गवाह बन गए। इस केस में 29 लोगों को सजा हुई बाकी सबको छोड़ दिया गया।

--आईएएनएस

पीएसएम/केआर

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित