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मध्य प्रदेश में एचआईवी के 6,000 मरीज, जागरूकता अभियान की शुरुआत

प्रकाशित 13/08/2024, 01:02 am
मध्य प्रदेश में एचआईवी के 6,000 मरीज, जागरूकता अभियान की शुरुआत

भोपाल, 12 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में वर्तमान में एचआईवी के 6 हजार मरीज हैं। राज्य में एड्स के विस्तार को रोकने के लिए प्रदेशव्यापी 'इंडिया फाइट्स एचआईवी एंड एसटीआई' जागरूकता अभियान की शुरुआत हुई।

एड्स के प्रति जागरूकता अभियान की शुरुआत 12 अगस्त से हुई और अगले दो महीने यानी 12 अक्टूबर तक इसको चलाया जाएगा। अभियान के तहत 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग के लोगों पर ज्यादा फोकस किया जाएगा।

मध्य प्रदेश के दस जिलों में एड्स का ज्यादा प्रभाव है। राज्य में अभी इस घातक बीमारी के 6 हजार मरीज मौजूद हैं।

राज्य में एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान की शुरुआत की गई है। इस बीमारी के लोगों को लक्षण बताने के साथ उन्हें उपचार में संकोच नहीं करने की सलाह दी जाएगी।

मध्य प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति की संचालक एवं सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा सुरभि गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में 206 आईसीटीसी सेंटर संचालित हैं, जहां एचआईवी वायरस की मुफ्त में जांच एवं टेस्ट के पूर्व एवं बाद में काउंसलिंग भी की जाती है। प्रदेश में संचालित 33 एआरटी में संक्रमित मरीजों का मुफ्त उपचार एवं दवा वितरण किया जाता है।

उन्होंने बताया कि एड्स से जान गंवाने वाले लोगों का मुख्य कारण समय से जांच नहीं कराना एवं समय से दवाओं का सेवन नहीं करना पाया गया। इस दिशा में नागरिकों को जागरूक करने के प्रयास किए जाएंगे।

प्रदेशव्यापी जागरूकता अभियान की शुरुआत करते हुए उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि 'प्रिवेंशन इज बेटर दैन क्योर', यदि हम अपने स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवनशैली के प्रति जागरूक रहेंगे, नियमित जांच कराएंगे तो हम बीमारी के दुष्चक्र से बाहर रहेंगे। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना और खतरों के प्रति सचेत रहना काफी महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि एड्स के संक्रमण के कारण, बचाव एवं उपचार के प्रति नागरिकों और युवाओं की जागरूकता आवश्यक है। लापरवाही से यह गंभीर बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है।

लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने बताया कि एचआईवी-एड्स संक्रमण के प्रति युवाओं सहित परिवार और पूरे समाज का जागरूक होना आवश्यक है। लोगों को सुरक्षित व्यवहार का पालन करने के साथ ही समय से अपनी जांच कराने और उपचार प्राप्त करने में संकोच नहीं करना चाहिए। राज्य के दस जिले भोपाल, बड़वानी, खरगोन, धार, सतना, श्योपुर, जबलपुर, ग्वालियर, शिवपुरी और रतलाम में इस बीमारी के ज्यादा मरीज हैं। लिहाजा इन जिलों में जागरुकता अभियान चलाकर ज्यादा फोकस किया जाएगा।

--आईएएनएस

एसएनपी/एससीएच

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