श्रीनगर, 12 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर बारामूला में एक दूध केंद्रित गांव है। यहां के लोग परंपरागत ढंग से दूध को स्टोर कर कारोबार करते हैं। गांव के लगभग सभी लोगों की आजीविका का साधन दूध व दूध के अन्य उत्पाद हैं। इसी को बेचकर वे अपना जीवन चलाते हैं। वे दूध से संबंधित गतिविधियों के लिए पारंपरिक ज्ञान पर निर्भर हैं। 79 घरों वाले इस गांव की खासियत यह है कि पीढ़ियों से ये लोग दूध एकत्रित कर इसका कारोबार करते हैं।
यहां के क्षेत्र के लोगों का कहना है कि उनके पास आय का कोई स्रोत नहीं है। इनमें से कई भूमिहीन हैं। वे दूध और दूध के उत्पाद बेचकर अपनी आजीविका कमाते हैं।
गांव वालों ने बताया कि हर दूसरा परिवार पशुधन पर निर्भर है। ये लोग ज्यादातर गाय पालते हैं। इससे एकत्रित दूध, घी और दुग्ध के अन्य उत्पाद बेचकर वे अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं।
उनकी शिकायत है कि प्रशासन ने उनके गांव की उपेक्षा की है। सर्दियों के दौरान उन्हें सबसे कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। बोनियार से उन्हें जोड़ने वाला एकमात्र सड़क संपर्क मार्ग कई महीनों तक बंद रहता है।
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