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गुजरात निवासी साइबर गिरोह का पुलिस ने किया पर्दाफाश, 21 राज्यों में 5 करोड़ ठगे

प्रकाशित 15/08/2024, 12:23 am
गुजरात निवासी साइबर गिरोह का पुलिस ने किया पर्दाफाश, 21 राज्यों में 5 करोड़ ठगे

गाजियाबाद, 14 अगस्त (आईएएनएस)। गाजियाबाद के थाना साइबर क्राइम ने क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करने वाले एक और अभियुक्त को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी गुजरात का निवासी है, जिसका नाम अमित ककड़िया रणछोड़भाई है। इस गिरोह के 3 अभियुक्तों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।पुलिस ने बताया कि अभियुक्त अमित अपने मामा देवराज भाई पंसुरिया के साथ थर्माकोल पैकिंग कारखाना, राजकोट में काम करता है। अभियुक्त ने अपने साथी हीरेन रोकड़ उर्फ रामू के साथ मिलकर करंट अकाउंट खुलवाया और ट्रांजैक्शन के एवज में कमीशन लिए थे।

अभियुक्त ने फर्जी क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग पोर्टल बनाकर गाजियाबाद निवासी एक व्यक्ति को प्रलोभित कर फर्जी क्रिप्टो ट्रेडिंग कराकर कई बैंक खातों में कुल 1 करोड़ 37 लाख रुपये जमा करवाए थे। पुलिस ने जब 29 जुलाई को इस गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया था, तब उनके पास से 8 लाख रुपये बरामद किए गए थे।

पुलिस के मुताबिक पकड़ा गया एक आरोपी ई-रिक्शा चलाता है, दूसरा चार्जिंग स्टेशन पर काम करता है और तीसरा असिस्टेंट डायरेक्टर का कोर्स करने के लिए ओडिशा से नोएडा के फिल्म सिटी आया था और उसके बाद से इस काम में जुड़ गया। 25 अप्रैल को पीड़ित संजय कटियार से 1 करोड़ 37 लाख रुपये विभिन्न खातों में क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर ट्रांसफर कराकर ठगी की गई थी।

पीड़ित संजय कटियार ने 1 मई को थाना साइबर क्राइम में मामला दर्ज करवाया था, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की थी। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने पीड़ित से व्हाट्सएप पर एक क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग वेबसाइट के बारे में बताया था और क्रिप्टो करेंसी से अत्यधिक मुनाफा कमाने का विश्वास दिलाया।

पुलिस ने आगे बताया कि आरोपियों ने एक फर्जी फर्म बनाकर उसके नाम पर करंट बैंक अकाउंट खोला था। उन्होंने फर्जी तरीके से सिम लिया, जिससे व्हाट्सएप और टेलीग्राम आईडी बनाकर पीड़ित के साथ फर्जी क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग पोर्टल बनाकर उसे लालच दिया। उसके बाद आरोपियों ने क्रिप्टो ट्रेडिंग कराकर विभिन्न बैंक खातों में कुल 1 करोड़ 37 लाख रुपये की धोखाधड़ी की।

पुलिस ने बताया कि वेबसाइट पर लोगों को मुनाफे का प्रलोभन दिया जाता है। मुनाफे को निकालने के लिए लोगों से पैसा जमा करवाया जाता था। इस गैंग के सदस्यों ने लखनऊ के जितेन्द्र विश्वकर्मा के साथ 1 करोड़, रिचा वर्मा के साथ 1 करोड़ 75 लाख, सौरभ सिंह पटेल के साथ 20 लाख का साइबर फ्रॉड किया है। गैंग ने फर्जी क्रिप्टो ट्रेडिंग से 21 राज्यों में 250 घटनाओं में कुल 5 करोड़ से अधिक रुपये का साइबर फ्रॉड किया है।

--आईएएनएस

पीकेटी/एसएम

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