नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन पर चिट्ठी लिखकर बधाई दी। साथ ही भाजपा समेत सहयोगी दलों के द्वारा कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर विवादित टिप्पणी को लेकर सख्त कार्रवाई की भी मांग की। उन्होंने पीएम मोदी से अपील करते हुए पत्र में लिखा कि आप कृपया अपने नेताओं पर अनुशासन और मर्यादा का अंकुश लगाएं। ऐसे बयानों के लिए कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भारतीय राजनीति का पतन होने से रोका जा सके। कोई अनहोनी न हो। मैं भरोसा करता हूं कि आप इन नेताओं के हिंसक बयानों को तत्काल रोकने के बारे में अपेक्षित कार्यवाही करेंगे।
मल्लिकार्जुन खड़गे के इस सोशल मीडिया पोस्ट पर भाजपा नेता अमित मालवीय ने राहुल गांधी का एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि, जबसे राहुल गांधी का ‘हम आरक्षण हटा देंगे’ वाला बयान आया है, तब से एससी, एसटी और ओबीसी समाज में बहुत गुस्सा है। उससे पहले सिख समाज को भड़काने और उनका अपमान करने वाले बयान से सिख समुदाय आक्रोशित था ही। लेकिन फिर भी भाषा पर संयम रखना चाहिए। राहुल गांधी आरक्षण हटाने के अपने मंसूबे में कभी कामयाब नहीं होंगे। सिख समाज आज भी कांग्रेस द्वारा उनके साथ की गई हिंसा और 1984 के नरसंहार को नहीं भुला है।
क्योंकि, आपको आज अचानक भाषा की मर्यादा याद आई है, इसलिए मैं आपको राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दिए गए बेहद आपत्तिजनक, हिंसक और अशिष्ट बयानों की एक छोटी सी मिसाल दिखा रहा हूं। आपके भी कई बयान मर्यादा के दायरे में नहीं रहे हैं। लेकिन उनका हिसाब अगली बार दूंगा। कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री जी पर दिए गए आपत्तिजनक और हिंसक बयानों की फेहरिस्त इतनी लंबी है कि उन पर अलग से चर्चा की जा सकती है। क्या अहिंसा, सद्भाव और प्रेम जैसे भारतीय सांस्कृतिक मूल्य राहुल गांधी पर भी लागू होते हैं? क्या आप संयमित भाषा और आदर्श का पाठ कांग्रेस के चिराग और अपने नेता राहुल गांधी को भी पढ़ाएंगे?
इसके साथ राहुल गांधी के बयान वाला वीडियो भी अमित मालवीय ने शेयर किया है, जिसमें राहुल गांधी बोलते हुए सुने जा सकते हैं, ''ये जो नरेंद्र मोदी भाषण दे रहा है, 6 महीने बाद ये घर से बाहर नहीं निकल पाएगा। हिंदुस्तान के युवा इसको ऐसा डंडा मारेंगे, इसको समझा देंगे कि हिंदुस्तान के युवा को रोजगार दिए बिना ये देश आगे नहीं बढ़ सकता।''
वहीं, इस वीडियो के एक हिस्से में राहुल गांधी मीडिया के सामने कह रहे हैं, ''आप लोगों ने पता नहीं देखा या नहीं, वाराणसी में किसी ने चप्पल मार दी। अब आप कल्पना करिए कि चुनाव से पहले अगर कोई मारना भी चाहता था तो डरता तो वो जो डर था, वो खत्म हो गया है। और, आंतरिक समस्या भी है, इनकी पार्टी में समस्या है, इनके पेरेंट संगठन में दिक्कत है। मोदी का कंसेप्ट था, उसको विपक्ष ने खत्म कर दिया। मोदी की इमेज को हमने फाड़ दिया।''
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ओडिशा दौरे के दौरान हाल ही में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में शामिल होने को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।
पीएम मोदी ने कहा कि गणेश उत्सव हमारे देश के लिए सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है। गणेश उत्सव ने हमारे देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। जब सत्ता की भूख में अंग्रेज देश को बांटने में लगे थे, देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, बांटो और राज करो उनका हथियार बन गया था, तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था। ऊंच, नीच, भेदभाव, जात-पात इन सब से ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है।
उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव इसका प्रतीक बन गया था। आज भी जब गणेश उत्सव होता है हर कोई उसमें शामिल होता है। कोई भेदभाव नहीं होता है। बांटो और राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेजों की नजरों में उस समय भी गणेश उत्सव खटकता था, आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणेश पूजन में भाग लिया था।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक में जहां इनकी सरकार है, वहां पर इन लोगों ने और भी बड़ा अपराध किया है। भगवान गणेश जी की प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। पूरा देश उन तस्वीरों से विचलित हो गया। ये नफरत भरी सोच, समाज में जहर घोलने की मानसिकता, हमारे देश के लिए बहुत घातक है, इसलिए ऐसी नफरती सोच, ताकतों को हमें आगे नहीं बढ़ने देना है।
--आईएएनएस
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