फिरोजपुर, 17 सितंबर (आईएएनएस)। पंजाब के आढ़तिया एसोसिएशन की ओर से 1 अक्टूबर से मंडियों में धान की खरीद पूरी तरह से बंद करने का ऐलान किया गया। इस ऐलान के बाद, केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी के साथ 20 सितंबर को दिल्ली में एक अहम बैठक की जाएगी। आढ़तिया एसोसिएशन की मांगों को लेकर पंजाब की मजदूर यूनियन भी समर्थन में आ गई है। पंजाब की मजदूर यूनियन ने भी 1 अक्टूबर से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।फेडरेशन आढ़तिया एसोसिएशन के प्रधान विजय कालड़ा ने कहा कि पंजाब और केंद्र की सरकार आढ़तियों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है। सरकार ने आढ़तियों की मांगों पर कई बार ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते आढ़तिया आर्थिक रूप से कमजोर होते जा रहे हैं और अनाज की खरीद में असमर्थ हो रहे हैं। यदि समय रहते सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया, तो पूरा अनाज खरीद का सिस्टम प्रभावित हो सकता है।
विजय कालड़ा ने कहा कि हमने कई बार सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ मीटिंग की है, लेकिन हमारी मांगें पूरी नहीं की गई हैं। सरकार हमें खत्म करने की कोशिश कर रही है। 20 सितंबर को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी के साथ बैठक तय हुई है। हमें उम्मीद है कि केंद्रीय मंत्री के साथ होने वाली मीटिंग में हमारी समस्याओं का समाधान निकलेगा।
वहीं, पंजाब मजदूर यूनियन के प्रधान राकेश तुली ने भी सरकार पर आरोप लगाया कि मजदूरों की मेहनत का उचित मूल्य नहीं दिया जा रहा है। हरियाणा में मजदूरों को 18 रुपए 70 पैसे प्रति घंटे मिलते हैं, जबकि पंजाब में उन्हें केवल 16 रुपए 10 पैसे मिलते हैं। मजदूर अनाज मंडियों में कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन उन्हें पूरी मजदूरी नहीं मिलती। इसी वजह से मजदूर यूनियन ने भी अपनी मांगों को लेकर 1 अक्टूबर से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि पंजाब और केंद्र की सरकार मजदूरों के साथ अन्याय कर रही है। हमें उचित मजदूरी नहीं मिल रही है और मजदूरों की मेहनत की सही कीमत नहीं दी जा रही है। इसलिए हमने भी 1 अक्टूबर से हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।
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