नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। आज के समय में हर इंसान अपने काम में इतना व्यस्त है कि उसके पास अपनी नींद पूरी करने के लिए भी समय नहीं है। घर देरी से आना और सुबह जल्दी घर से निकलने के चक्कर में व्यक्ति अपनी नींद के साथ समझौता कर लेता है, जिसका सीधा असर उसके स्वास्थ्य पर पड़ता है। अगर रात को देर से सोना आपके रूटीन का भी हिस्सा बन गया है, तो आप कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। ऐसे में हर कोई इस सवाल का जवाब तलाशता है कि इससे कैसे बचें, तो आइए जानते हैं कि देर से सोने या कम नींद लेने के क्या-क्या नुकसान हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।
देर से सोने के कारण व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। मानसिक तनाव के साथ किसी भी मुद्दे पर फैसला लेने में उसकी क्षमता प्रभावित होती है।
एक रिसर्च में दावा किया गया है कि पूरी नींद नहीं लेने से हार्ट अटैक, मधुमेह, मोटापे की समस्या हो सकती है। यह बीमारियां सेहत के लिए काफी हानिकारक हैं। नींद पूरी नहीं लेने से अगला दिन पूरा खराब हो जाता है। लोग अक्सर चिड़चिड़ापन और थकान महसूस करते हैं।
अगर आप स्कूल या कॉलेज में पढ़ाते हैं तो आपके लिए नींद लेना बेहद ही जरूरी है क्योंकि, ऐसा न करने पर आपकी एकाग्रता में कमी आती है। जिससे आपकी टीचिंग कैपेसिटी भी प्रभावित होती है।
चलिए जानते हैं कि अच्छी नींद के लिए क्या उपाय करें। बेहतर नींद के लिए रात को सोने का एक वक्त तय कर लीजिए। जैसे कि उदाहरण के तौर पर रात 10 बजे आप सो रहे हैं, तो अगले दिन सुबह 6 बजे तक बिस्तर छोड़ दीजिए। करीब 8 घंटे की नींद लें।
रात को सोते समय इस बात का खासतौर पर ध्यान रखें कि जब आप सोने जा रहे हैं तो कम से कम एक घंटे पहले मोबाइल फोन व अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम को यूज करना बंद कर दें। क्योंकि, यह आपकी नींद में बाधा डाल सकती है। रात में सोने के लिए साफ-सुथरा बिस्तर तैयार करें। चारों तरफ स्वच्छ वातावरण रखें। इसके अलावा अच्छी नींद के लिए ध्यान और योग भी कर सकते हैं। रात को हल्का भोजन लें। खाने के बाद थोड़ा पैदल जरूर चलें।
--आईएएनएस
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