कैथल, 24 सितंबर (आईएएनएस)। हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जोड़तोड़ की सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा की नाराजगी और पार्टी छोड़ने की अटकलें सियासी गलियारों में सुर्खियां में बनी हुई हैं।
इसी बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि, मुख्यमंत्री बनना हर राजनीतिक व्यक्ति की आकांक्षा होती है। कुमारी शैलजा भी बनना चाहेंगी, वो मेरी बड़ी बहन हैं, चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी बनना चाहेंगे। हम तीन लोगों के अलावा किसी और साथी का भी यह अधिकार है कि वो भी सीएम पद पर दावेदारी कर सकता है, क्योंकि यहां प्रजातंत्र है। लेकिन यह निर्णय राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लेना है कि कौन सीएम होगा। पार्टी आलाकमान जो फैसला करेगा, वह हम सबको स्वीकार होगा।
भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोहर लाल खट्टर की ओर से कुमारी शैलजा को जन्मदिन की बधाई देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, इन बातों में कोई वजन नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री का मैं आदर करता हूं. वह पिता समान हैं। वो उम्र में भी हमसे बड़े हैंं, लेकिन वह बचकाना बातें कर रहे हैं। कुमारी शैलजा कांग्रेसी थींं, हैं और रहेंगी।
मनोहर लाल खट्टर को प्रधानमंत्री मोदी कुरुक्षेत्र की रैली में नहीं ले गए। पीएम मोदी को खट्टर की वजह से वोटों के बिखरने का डर था। वह अपनी चिंता करें। पीएम मोदी उन्हें मंत्री पद से न हटा दें, जिस तरह से उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाया था। हमारे परिवार में सब कुछ ठीक है।
इसी बीच हरियाणा के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टन अजय सिंह यादव ने कहा कि, जब मुझे भी टिकट नहीं मिला, तो मैं भी नाराज था, लेकिन मैंने पार्टी नहीं छोड़ी। हमारे खून में कांग्रेस है और कुमारी शैलजा के खून में भी कांग्रेस है। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि कांग्रेस छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। कुछ लोग बेवजह अफवाह उड़ाते हैं। पार्टी के अंदर ही रहकर हम लोग पार्टी की मजबूती के लिए काम करेंगे। कुमारी शैलजा किसी भी हालत में कांग्रेस का दामन नहीं छोड़ेगी। मैं उनका बयान सुन रहा था, जिसमें वो कह रही थीं कि मैं अंतिम सांस तक कांग्रेस में रहूंगी और पार्टी के तिरंगे में लिपटकर इस दुनिया से जाऊंगी।
--आईएएनएस
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