भोपाल, 24 सितंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में गरबा और डांडिया की तैयारी तेज हो गई है। नवरात्रि पर होने वाले गरबा महोत्सव को लेकर पूर्व मंत्री उषा ठाकुर ने मध्य प्रदेश सरकार से मांग की है कि गरबा महोत्सव में बिना पहचान पत्र के लोगों को प्रवेश न दिया जाए।
उन्होंने कहा कि, नवरात्रि का पर्व शक्ति और साधना का पर्व है। संपूर्ण समाज अपनी शक्ति में वृद्धि करे। शस्त्र और शास्त्र की साधना करे, यही अपेक्षा नवरात्रि हम सब सनातनियों से करती है। मेरा मानना है कि गरबा में आईडी अनिवार्य होना चाहिए। जो आए अपनी पहचान छुपा कर न आए, आप अपनी पहचान के साथ आइए।
अपने घर परिवार के साथ शामिल होइए, कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन आप पहचान छुपाकर लव जिहाद को बढ़ावा नहीं दे सकते। यह अभियान विगत 20 वर्षों से सतत चल रहा है और आज हर पंडाल जागरूक और सजग है। मैं सीएम मोहन यादव से मिलकर इस बारे में चर्चा करूंगी।
मध्य प्रदेश में दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर उन्होंने कहा कि, छोटी बच्चियों के साथ जो दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही हैं, इसको समाज का नैतिक उत्थान ही रोक सकता है। जब तक संस्कारों में नैतिकता और सात्विकता नहीं आएगी, तब तक इन बुराइयों से नहीं बचा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि, कहीं ना कहीं समाज में भौतिकता की अधिकता के कारण आध्यात्मिक साधना में कमी आई है, उसी की वजह से लोगों में यह भावना प्रबल तौर पर हम आज देख रहे है। इससे पूरे सामाजिक ताना बाना और मनुष्यता तार-तार हो रही है। ऐसे नर पिशाचों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। छोटी बच्चियों के दुष्कर्मियों को सार्वजनिक चौराहों पर फांसी पर लटकाया जाए और उनका अंतिम संस्कार भी नहीं किया जाए। जब ऐसी सजा पाते दूसरे लोग देखेंगे, तो वे बच्चियों की तरफ हाथ बढ़ाने के हिम्मत नहीं कर पाएंगे।
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