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धीरेंद्र शास्त्री ने उठाया सवाल, वक्फ बोर्ड हो सकता है तो हिंदू बोर्ड क्यों नहीं?

प्रकाशित 25/09/2024, 01:53 am
धीरेंद्र शास्त्री ने उठाया सवाल, वक्फ बोर्ड हो सकता है तो हिंदू बोर्ड क्यों नहीं?

छतरपुर, 24 सितंबर (आईएएनएस)। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने मंगलवार को बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वक्फ बोर्ड हो सकता है तो हिंदू बोर्ड क्यों नहीं हो सकता है?

मध्य प्रदेश के छतरपुर के प्रसिद्ध बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री का बयान सामने आया है। उन्होंने छतरपुर में अपने अनुयायियों के सामने कहा कि "हमें सूचना मिली कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जैन बोर्ड की चर्चा की है। ऐसे में भारत सरकार से चाहेंगे कि जब देश में वक्फ बोर्ड हो सकता है तो सनातन हिंदू बोर्ड क्यों नहीं हो सकता है?"

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा कि षड़यंत्र और प्रपंच रचने वाले सभी ताकतों पर रोक लगाकर हिंदू बोर्ड बनाए जाने की हम पूर्ण रूप से मांग कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हिंदुओं की सहनशीलता देखकर हमारा खून उबाल मार रहा है कि हम लोगों के सामने कुछ लोग कितने बड़े-बड़े प्रपंच रच रहे हैं।

इसके अलावा धीरेंद्र शास्त्री ने आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलने के विवाद को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जिन हिंदुओं ने तिरुपति बालाजी का प्रसाद लिया वो नौ दिनों तक प्रायश्चित करें ताकि शुद्धिकरण की प्रक्रिया हो सके।

उन्होंने कहा कि अगर धर्म विरोधियों के खिलाफ अभी आवाज नहीं उठाई गई तो आने वाले समय में सबके घरों में मछली का तेल परोसने से कोई नहीं रोक सकता। अगर घरों में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल पहुंचने से खुद को बचाना है तो रील और वीडियो की दुनिया से बाहर आना होगा। अगर हम सनातन के खिलाफ चलाए जा रहे षड्यंत्र और प्रपंच का डटकर मुकाबला नहीं करेंगे तो धर्म विरोधी षड्यंत्र का शिकार होते रहेंगे।

बता दें कि हाल ही में चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल का प्रकरण सामने आया था। इस विवाद को लेकर देशभर में सियासत तेज हो गई थी। आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने राष्ट्रीय स्तर पर 'सनातन रक्षक बोर्ड' बनाने की मांग की थी।

--आईएएनएस

एससीएच/जीकेटी

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