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क्या हिमाचल प्रदेश में सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर चल पड़ी है कांग्रेस?

प्रकाशित 26/09/2024, 02:17 am
क्या हिमाचल प्रदेश में सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर चल पड़ी है कांग्रेस?

नई दिल्ली, 25 सितंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस भाजपा के हिंदुत्व वाली छवि को लेकर उसे हमेशा घेरती रही है। केंद्र की सरकार और जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है उसके द्वारा लिए जा रहे फैसलों को लेकर कांग्रेस लगातार यह कहती रही है कि भाजपा हिंदुत्व की अपनी सोच के साथ आगे बढ़ रही है और उसके एजेंडे में अल्पसंख्यक कहीं भी नहीं है। लेकिन, कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश इकाई के नेताओं के हाल के कुछ बयान इस तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं कि क्या कांग्रेस हिमाचल में सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर चल रही है? दरअसल, इस सवाल के साथ यह सवाल भी जुड़ गया है कि क्या कांग्रेस को लगता है सॉफ्ट हिंदुत्व की छवि के बिना वह सत्ता में वापसी नहीं कर पाएगी? या फिर खराब आर्थिक स्थिति से ध्यान हटाने का ये सबसे आसान तरीका है?

इन सारे सवालों के पैदा होने के पीछे हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के कुछ नेताओं के बयान हैं। इनमें हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह का ताजा बयान भी शामिल है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही राज्य की आर्थिक स्थिति खस्ताहाल होती चली गई है। यह बात किसी से छुपी नहीं है। जिस तरह के दावों और वादों को चुनाव के समय जनता के बीच रखकर कांग्रेस यहां सत्ता में आई उसे पूरा करने में राज्य सरकार के खजाने खाली हो रहे हैं और अब वहां सरकार के पसीने छूट रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के कुछ नेताओं का झुकाव सॉफ्ट हिंदुत्व की तरफ हो रहा है और इसकी गवाह प्रदेश की हाल की कुछ घटनाएं रही हैं।

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से शुरू हुआ अवैध मस्जिदों का मामला धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में फैल गया। यह मामला संजौली की मस्जिद से शुरू हुआ जिसे कांग्रेस सरकार के मंत्री ने अवैध बताते हुए घुसपैठियों तक का जिक्र कर डाला था। कांग्रेस नेता अनिरुद्ध सिंह ने इस संजौली मस्जिद को लेकर कहा था कि, 'बिना मंजूरी के निर्माण शुरू कर दिया गया, यह एक अवैध ढांचा था। पहले, एक मंजिल बनाई गई, फिर बाकी मंजिलें बनाई गईं। वह मामला अभी थमा भी नहीं था कि कुसुम्पटी में मस्जिद और नमाज को लेकर विवाद गहरा गया है। मंडी जिले में दशकों पुरानी एक मस्जिद को लेकर भी बवाल हुआ। रामपुर, सुन्नी और कुल्लू जिला मुख्यालय में भी ऐसे ही मामले देखने को मिले।

इस सब के बीच कांग्रेस नेता और हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर पार्टी लाइन से अलग बयान देते हुए नजर आए। वह इस कानून में सुधार के पक्ष में बयान देते दिखे। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने वक्फ बोर्ड में सुधार की जरूरत की बात कही और सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा 'हिमाचल और हिमाचलियत के हित सर्वश्रेष्ठ, सर्वत्र हिमाचल का संपूर्ण विकास। जय श्री राम! समय के साथ हर कानून में तब्दीली लाना आवश्यक है। वक्फ बोर्ड में भी बदलते समय के साथ सुधार की आवश्यकता है'।

अब विक्रमादित्य सिंह को योगी सरकार का मॉडल भा गया है। जिस तरह से देव भूमि हिमाचल की जनता वहां की डेमोग्राफी के बदलाव को लेकर सड़कों पर विरोध कर रही है। ऐसे में विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल में भी अब उत्तर प्रदेश की तरह हर भोजनालय और फास्ट फूड रेहड़ी पर मालिक की आईडी लगाई जाएगी, ताकि लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो। इसके लिए शहरी विकास विभाग और नगर निगम की बैठक में निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

दरअसल ऐसा ही फैसला यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के द्वारा जारी किया गया है। जिसे कांग्रेस हिंदुत्व की विचारधारा और समाज में विभेद पैदा करने की कोशिश से जोड़कर भाजपा पर हमलावर दिखी। लेकिन, अब हिमाचल प्रदेश में भी इसी तरह के आदेश जारी होने के बाद ऐसा लगने लगा है कि वहां कांग्रेस की सरकार सॉफ्ट हिंदुत्व की विचारधारा की पोषक बन रही है।

--आईएएनएस

जीकेटी/

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