रांची, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टियों में टिकटों के बंटवारे से लेकर नेताओं के पाला बदल का अजब-गजब खेल चल रहा है। ऐसा ही एक दिलचस्प घटनाक्रम गुरुवार-शुक्रवार की देर रात सामने आया, जब कांग्रेस ने आधी रात को अपने एक सीटिंग विधायक का टिकट काटा तो चार घंटे बाद सुबह चार बजे वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए और टिकट भी हासिल कर लिया।कांग्रेस पार्टी ने झारखंड में अपने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट गुरुवार की रात करीब 11.30 बजे जारी की। इस लिस्ट में हजारीबाग जिले की बरही सीट से पार्टी के सीटिंग विधायक उमाशंकर यादव अकेला की जगह अरुण साहू का नाम था। उमाशंकर यादव अकेला ने टिकट मिलने के आश्वासन पर दो दिन पहले ही ऐलान कर रखा था कि वह शुक्रवार को कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल करेंगे।
कांग्रेस की स्थानीय इकाई ने उनके नामांकन के पहले रैली और जुलूस का भी कार्यक्रम तय कर रखा था। उमाशंकर यादव अकेला को देर रात जब टिकट कटने की सूचना मिली तो उन्होंने भी रातों-रात पार्टी बदलने का फैसला कर लिया। वह बरही विधानसभा क्षेत्र के चौपारण स्थित अपने आवास से तत्काल करीब 170 किलोमीटर का सफर तय कर डाल्टनगंज जा पहुंचे, जहां समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केश्वर यादव उर्फ रंजन यादव से मुलाकात के बाद सुबह चार बजे पार्टी की सदस्यता ले ली।
आनन-फानन में समाजवादी पार्टी ने उन्हें बरही से टिकट भी दे दिया। इसके बाद उन्होंने बरही आकर नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है।
उमाशंकर अकेला ने कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं पर पैसा लेकर टिकट बांटने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उनसे टिकट के एवज में दो करोड़ मांगे गये थे। पैसे नहीं देने पर उनका टिकट काट दिया गया। उमाशंकर अकेला ने कहा कि कांग्रेस के अंदर ईमानदार नेताओं को तरजीह नहीं दी जा रही है, ऐसे व्यक्ति का टिकट दिया गया जो कभी कांग्रेस में नहीं रहा है।
इधर समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केश्वर यादव उर्फ रंजन यादव ने दावा किया है कि झारखंड में समाजवादी पार्टी के सहयोग के बिना सरकार नहीं बनेगी।
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