हैदराबाद, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। वाईएसआरसीपी के महासचिव वी. विजयसाई रेड्डी ने रविवार को आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वाईएस शर्मिला पर पार्टी अध्यक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व को कमजोर करने के लिए मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया।
विजयसाई रेड्डी ने कहा कि शर्मिला की कोशिश संपत्ति विवाद से कहीं आगे जाकर जगन मोहन रेड्डी को दोबारा मुख्यमंत्री बनने से रोकने की है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए का विरोध करती है फिर भी आंध्र प्रदेश में पीसीसी अध्यक्ष शर्मिला एनडीए के हितों का समर्थन करती नजर आती हैं।
हैदराबाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विजयसाई रेड्डी ने सवाल किया कि क्या शर्मिला ने जनता की मदद के लिए जगन के प्रयासों को नजरअंदाज किया है, जैसे कि 1.5 करोड़ से अधिक परिवारों को सहायता प्रदान करना, 80 लाख महिलाओं को वित्तीय सहायता देना और 40 लाख से अधिक माताओं को सहायता प्रदान करना।
उन्होंने कहा कि नायडू शर्मिला का इस्तेमाल महिलाओं को जगन के खिलाफ भड़काने के लिए कर रहे हैं, लेकिन जनता गुमराह नहीं होगी।
उन्होंने शर्मिला से अपने कार्यों पर विचार करने का आग्रह किया और नायडू के साथ उनकी साझेदारी की निंदा की, जिसे उन्होंने एक बार अपने पिता वाईएस राजशेखर रेड्डी की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
उन्होंने सवाल किया कि क्या वह सचमुच इन पुरानी बातों को भूल चुकी हैं या अपने फायदे के लिए उन्हें नजरअंदाज कर रही हैं।
उन्होंने शर्मिला को यह समझने का सुझाव दिया कि अपने चुनावी वादों को पूरा करने में असमर्थ चंद्रबाबू नायडू जनता का ध्यान भटकाने और महिलाओं के बीच जगन के खिलाफ नकारात्मकता पैदा करने के लिए उनका इस्तेमाल कर रहे हैं।
उन्होंने जगन पर लगातार हमलों के लिए टीडीपी और मीडिया की आलोचना की। साथ ही शर्मिला की भूमिका को निराशाजनक बताया।
विजयसाई रेड्डी ने आरोप लगाया कि चंद्रबाबू नायडू के प्रभाव में आकर शर्मिला ने गुप्त रूप से जगन द्वारा दिए गए शेयरों को हस्तांतरित कर दिया, जिसका उद्देश्य जगन की जमानत रद्द करवाना था।
उन्होंने दावा किया कि यह कदम जगन को दोबारा मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए नायडू की योजना को दिखाता है।
इस बीच शर्मिला ने विजयसाई रेड्डी द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया।
उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट किया कि वाईएसआरसीपी नेता जगन मोहन रेड्डी की स्क्रिप्ट पढ़ते हैं।
--आईएएनएस
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