उत्तरकाशी, 22नवंबर (आईएएनएस)। उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल हादसे का बुधवार को 11वां दिन रहा। टनल में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर जारी है। अब तक ऑगर मशीन से 800 एमएम के छह पाइप टनल में डाले जा चुके हैं। टनल में 39 मीटर तक की ड्रिलिंग भी की जा चुकी है। सातवें पाइप की वेल्डिंग का काम चल रहा है। पाइप कुल 62 मीटर अंदर तक डाला जाना है यानी 23 मीटर अभी बचा हुआ है। सिलक्यारा टनल के बाहर सभी 41 एंबुलेंस खड़ी की जा रही है। उत्तरकाशी के सभी सरकारी डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ समेत स्वास्थ्य विभाग की छुट्टियों को भी रद्द कर दिया गया है।
रेस्क्यू में लगे एलएंडटी (लार्सन एंड टूब्रो) के सुरक्षा प्रमुख निगेल का कहना है कि ड्रिलिंग का काम बहुत अच्छा चल रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही अपने लक्ष्य तक पहुंच जाएंगे। हम माइक्रो टनलिंग में भी मदद कर रहे हैं और पूरा काम सही तरीके से चल रहा है।
बीआरओ के मेजर नमन नरूला ने बताया कि हमारा काम वर्टिकल ड्रिलिंग के पहुंचने को एक रास्ता देना था, जो सुरंग के सिलक्यारा छोर पर था। इसमें 1,150 मीटर का ट्रैक बनाना था। हमने ये काम करके 20 नवंबर को सौंप दिया था। ट्रैक के अंत में, दो वर्टिकल ड्रिल किए जाने हैं। दो में से एक मशीन साइट पर पहुंच गई है। दूसरा काम बड़कोट की ओर एक पहुंच मार्ग देना था। ये सुरंग का दूसरा छोर है।
36 बीआरओ के कमांडर विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि ड्रिलिंग के लिए मशीनरी सिलक्यारा टनल के छोर की साइट पर पहुंच गई है। इसके साथ ही वहां ड्रिलिंग शुरू हो गई है। बुधवार से बड़कोट वाले छोर पर काम शुरू हो रहा है।
एनडीआरएफ के सेकेंड इन कमांड रवि एस बधानी ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन बहुत अच्छा चल रहा है। वर्टिकल ड्रिलिंग चल रही है। हम सुरंग के अंदर फंसे लोगों के काफी करीब पहुंच चुके हैं। अभी समय सीमा बताना कठिन है कि कब तक हम उनको रेस्क्यू कर लेंगे, लेकिन जल्द खुशखबरी मिलने वाली है।
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स्मिता/एबीएम