नई दिल्ली,14 दिसम्बर (आईएएनएस)। राज्यसभा में गुरुवार को जबरदस्त हंगामा हुआ। विपक्षी सदस्य सुरक्षा के मुद्दे पर गृहमंत्री के बयान की मांग कर रहे थे। हंगामा के कारण राज्यसभा की कार्रवाई 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आरजेडी, जेडीयू, आप, समेत कई विपक्षी पार्टियों के सांसद सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा को लेकर नारेबाजी करते रहे।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरिक ओ-ब्राॅयन को सभापति ने तुरंत सदन से निकल जाने का आदेश दिया। संसद की सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर चर्चा के लिए विपक्ष के 28 सदस्यों ने नोटिस दिए थे, लेकिन सभापति ने नियमों का हवाला देते हुए इसकी इजाजत नहीं दी। इसके बाद विपक्ष के सांसद सभापति के आसन के ठीक सामने वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे।
सभापति ने नारेबाजी कर रहे सांसदों से अपनी सीट पर वापस जाने को कहा। लेकिन अपना विरोध जाता रहे सांसद इसके लिए राजी नहीं हुए। सदन में हंगामा बढ़ता गया और करीब 11 बजकर 20 मिनट पर राज्यसभा की कार्यावाही 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
गुरुवार सुबह 11 बजे राज्य सभा में सदन की कार्रवाई शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत विपक्ष के कई सांसद संसद की सुरक्षा पर चर्चा चाहते थे। हालांकि सदन की कार्रवाई के अनुरूप कई सांसदों एवं मंत्रियों ने संबंधित विभागों व मंत्रालयों की रिपोर्ट सदन पटेल पर रखी घई। इस दौरान सदन की कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से चलती रही। इसके बाद चर्चा का समय प्रारंभ होते ही विपक्ष ने सुरक्षा का मुद्दा उठाया।
सभापति ने सदन को जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें इस विषय पर चर्चा के लिए नियम 267 के अंतर्गत 28 नोटिस मिले हैं। चर्चा के लिए दिए गए इन नोटिस में मांग की गई थी कि राज्यसभा के अन्य कार्यों को स्थगित कर दिया जाए और संसद की सुरक्षा पर चर्चा हो।
सभापति ने सदन को बताया कि वह इन नोटिस को इजाजत नहीं दे रहे हैं। इसके बाद कई विपक्षी सांसद अपने स्थान से खड़े हो गए और राज्यसभा सभापति के आसन के समीप पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। ये सांसद चर्चा कराए जाने के नारे लगा रहे थे।
साथ ही उन्होंने 'गृहमंत्री सदन में आओ' 'जवाब दो जवाब दो' के नारे लगाए। इस दौरान सभापति ने नारेबाजी कर रहे सांसदों से नाराजगी जताते हुए उन्हें वापस अपनी सीट पर जाने को कहा। लेकिन विरोध कर रहे सांसद नहीं माने और लगातार नारेबाजी करते रहे। इसके बाद सदन की कार्रवाई को स्थगित करना पड़ा।
--आईएएनएस
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