नई दिल्ली, 13 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पत्रकार सौम्या विश्वनाथन और आईटी कार्यकारी जिगिशा घोष सहित हाई-प्रोफाइल हत्या के मामलों में दोषी रवि कपूर की पैरोल याचिका खारिज कर दी है।
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने कपूर के व्यापक आपराधिक रिकॉर्ड, अपराधों की गंभीरता और जेल परिसर के भीतर उनके आचरण पर विचार करते हुए याचिका खारिज कर दी।
वर्तमान में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कपूर ने पारिवारिक संबंधों और घुटने की सर्जरी का हवाला देते हुए चार सप्ताह की पैरोल मांगी थी।
लेकिन अदालत ने कहा कि कपूर सर्जरी के दावे के लिए कोई भी सहायक दस्तावेज़ उपलब्ध कराने में विफल रहे और 2002 से 2010 तक लगभग 20 आपराधिक मामलों में शामिल होने के कारण उनकी आदतन अपराधी स्थिति का उल्लेख किया।
अदालत ने खुलासा किया कि कपूर को हत्या और डकैती के दो मामलों में दोषी ठहराया गया था, सबसे हालिया सजा अक्टूबर 2023 में हुई थी।
हाल के वर्षों में जेल के अंदर संतोषजनक आचरण के बावजूद, कपूर को 41 बड़ी सज़ाएं मिलीं, जो उनके समग्र असंतोषजनक जेल आचरण को दर्शाता है।
दोषियों के अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट के जोर को स्वीकार करते हुए, अदालत ने उन अधिकारों को सार्वजनिक हित के साथ संतुलित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
न्यायमूर्ति शर्मा ने स्पष्ट किया कि इन टिप्पणियों का कपूर द्वारा सक्षम प्राधिकारियों के समक्ष भविष्य में दिए जाने वाले पैरोल या फर्लो आवेदनों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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