तिरुवनंतपुरम, 14 फरवरी (आईएएनएस)। कांग्रेस विधायक मैथ्यू कुजलनादन के दस्तावेजों के सामने आने के एक दिन बाद सत्तारूढ़ माकपा बचाव की मुद्रा में आ गई है। दस्तावेजों में बताया गया था कि केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने किस तरह कथित तौर पर अपनी बेटी की आईटी फर्म को अवैध लाभ के बदले में खनन कंपनी सीएमआरएल का पक्ष लिया था।सूत्रों के मुताबिक, माकपा ने अपने शीर्ष नेतृत्व से कुजलनादन के खुलासे के मद्देनजर सावधानी बरतने और कोई भी भड़काऊ बयान देने से परहेज करने को कहा है। पार्टी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि महत्वपूर्ण दस्तावेज कुजलनादन के हाथ कैसे लगे।
वीणा विजयन बेंगलुरु स्थित आईटी फर्म एक्सालॉजिक की एकमात्र निदेशक हैं जो वर्तमान में निष्क्रिय है।
आपत्तिजनक कागजात का लीक होना माकपा नेतृत्व को परेशान कर रहा है क्योंकि उद्योग विभाग का प्रबंधन पार्टी के करीबी अधिकारियों द्वारा किया जाता है।
कुजलनादन ने कहा कि 2004 में सीएमआरएल को अलाप्पुझा में चार क्षेत्रों में खनन पट्टा मिला था और 2016 तक लगातार राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करती रहीं कि पट्टा केवल सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को दिया जाए, क्योंकि केरल उच्च न्यायालय ने सीएमआरएल के पक्ष में फैसला दिया था।
हालांकि, 2016 में पद संभालने के बाद विजयन सीएमआरएल का पक्ष लेते रहे हैं। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज और सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) की जांच में पाया गया है कि वीणा की आईटी फर्म को सीएमआरएल से 2016 के बाद 1.72 करोड़ रुपये मिले, जिसमें राज्य के स्वामित्व वाली केएसआईडीसी की लगभग 13 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
माकपा ने मंगलवार को कुजलनादन को सदन में इस मुद्दे पर एक संदर्भ देने से रोकने के लिए विधानसभा अध्यक्ष का इस्तेमाल किया। उन्होंने संबंधित दस्तावेजों के साथ अध्यक्ष को एक लिखित अनुरोध प्रस्तुत किया था।
हालाँकि, विधायक दृढ़ हैं और उन्होंने कहा कि उन्होंने मंगलवार को जो खुलासा किया वह सिर्फ भाग-1 था। उनके पास और भी दस्तावेज हैं जिन्हें वह समय पर जारी करेंगे और मुख्यमंत्री को हमेशा के लिए दंडित करेंगे।
--आईएएनएस
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