सहारनपुर, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कैराना और सहारनपुर में भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में चुनावी रैली को संबोधित किया। सीएम योगी ने रैली के माध्यम से जहां सर्वसमाज को साधने की कोशिश की तो वहीं भाजपा से नाराज चल रहे क्षत्रिय समाज को मनाने का प्रयास किया।सीएम योगी पहले कैराना लोकसभा क्षेत्र के कस्बा गंगोह पहुंचे, जहां उन्होंने भाजपा प्रत्याशी प्रदीप चौधरी के पक्ष में नवीन मंडी में आयोजित सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जनता से प्रदीप चौधरी को वोट देने की अपील की।
इसके बाद सीएम योगी सहारनपुर लोकसभा के कस्बा बड़गांव पहुंचे। जहां उन्होंने भाजपा से रूठे राजपूत समाज को साधने का प्रयास किया। उन्होंने राजपूत समाज को भाजपा का सच्चा, कर्मठ कार्यकर्ता बताया।
बड़गांव क्षेत्र राजपूत बाहुल्य है। यही वजह है कि सीएम योगी की चुनावी जनसभा का आयोजन बड़गांव में किया गया।
जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि भारत के स्वाभिमान और सम्मान को अपने पुरुषार्थ और शौर्य के माध्यम से दुनिया के सामने रखने वाले महाराणा सांगा की जयंती है। इस अवसर पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर पुष्पाजंलि अर्पित करने का सौभाग्य मिला है। जब महाराणा प्रताप और महाराणा सांगा की बात होती है तो स्वदेश और स्वाभिमान याद आने लगता था। महाराणा ने कहा था कि हमारी लड़ाई सत्ता की नहीं स्वाभिमान की है। किसी आक्रांता के सामने राणा ने कभी सिर नहीं झुकाया। वे लड़ते रहे। जंगल में घास की रोटी खाई, लेकिन, विदेशी हूकुमत के सामने सिर नहीं झुकाया। कभी सत्ता के लिए समर्पण नहीं किया।
सीएम योगी ने कहा कि उस वक्त राजा अकबर सबसे ताकतवर शासक हुआ करते थे। महाराणा ने अकबर को नाकों चने चबाने को मजबूर कर दिया था। महाराणा ने ऐसे लोगों के साथ बैठना तक उचित नहीं समझा जो स्वदेश के खिलाफ आचरण कर रहे थे। सैकड़ों सालों के बाद भी यह देश महाराणा प्रताप को धर्म के लिए त्याग करने वाले महापुरुष के तौर पर याद करता है। देश और धर्म के लिए जो भी समर्पण करेगा, उसे समाज और राष्ट्र सदैव याद करेगा।
मुख्यमंत्री योगी ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कांग्रेस ने उच्च्तम न्यायालय में शपथ पत्र दाखिल किया था कि राम हुए ही नहीं हैं। हनुमान जी जब संजीवनी बूटी तलाश करने गए थे तो कालनेमी भी राम नाम का जप कर रहा था। बिकने वाले लोग भी बिकने की कतार में खड़े होंगे, लेकिन सच्चा राष्ट्र भक्त उसके साथ खड़ा होगा जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे।
उन्होंने कहा कि यह लोकसभा चुनाव दो ध्रुवों का है। एक तरफ जातिवादी हैं तो दूसरी तरफ राष्ट्रवाद के लोग हैं। एक तरफ तुष्टिकरण की नीति पर चलने वाले हैं तो दूसरी तरफ भारत माता का सम्मान ऊंचा रखने वाले हैं। एक तरफ अपने परिवार और जाति तक सीमित रहने वाले लोग हैं तो दूसरी तरफ सबका साथ, सबका विकास करने वाले लोग हैं। आपने दस सालों में केंद्र और सात सालों में प्रदेश की भाजपा सरकार को भी देखा है। सरकार कैसे बिना डरे, बिना झुके चलती है। पिछली सरकारों को माफिया के हवाले करके सामान्य नागरिक को रौंदने के लिए छोड़ दिया जाता था। बेटी और व्यापारी की सुरक्षा खतरे में डाल दी जाती थी। गो-तस्करों को आस्था से खिलवाड़ की छूट दी जाती थी।
सपा सरकार में हुए दंगों का हवाला देते हुए सीएम योगी ने कहा कि यूपी के लोग दंगा और पत्थरबाजी भूल गए हैं। पहले पश्चिमी यूपी में त्योहारों पर कर्फ्यू लग जाता था। अब धूम धड़ाके के साथ कांवड़ यात्रा निकलती है। पहले जहां से चिल्लाकर लोग उपद्रव करते थे, वहां हमने सभी माइक ही उतार दिए हैं। ना रहेगा बांस, ना बजेगी बांसुरी।
मुख्यमंत्री योगी ने हनुमान चालीसा की चौपाई 'बल बुद्वि विद्या देऊ मोहि, हरेऊ क्लेश विकार' का उल्लेख करते हुए कहा कि जातिवाद और क्षेत्रवाद का क्लेश हरा डालिए। अपना जनार्दन स्वरूप दिखाकर बोलिए जो राम को लाए हैं, जो कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए हैं, हम उनको लाएंगे। जिन्होंने तीन तलाक की कुप्रथा को समाप्त किया है, हम उन्हें लाएंगे। कांग्रेस, सपा और बसपा ने जिले को क्या दिया है।
फतवे की नगरी दारुल उलूम देवबंद पर तंज कसते हुए सीएम योगी ने कहा कि कुछ साम्प्रदायिक ताकतों ने कस्बा देवबंद को मजहबी जुनून का अखाड़ा बना दिया था। थोड़ी सी बात को लेकर फतवा जारी हो जाता था। जिस सहारनपुर को शिक्षा के पवित्र केंद्र के रूप में पश्चिम का काशी बनना था, उसे अराजकता और भय फैलाने के लिए मजहबी जुनून का अड्डा बना दिया गया। वैक्सीन भी कैसे दी जाएगी, यह फतवे से तय होगा। यह डॉक्टर तय करेंगे। यहां विकास की चर्चा नहीं होती थी। हमने हाईवे बनाए, विश्वविद्यालय बनाया और सहारनपुर को स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है। मां शाकंभरी के नाम पर विश्व स्तरीय यूनिवर्सिटी बनाई जा रही है। चुनाव के बाद हम भव्य उद्घाटन के लिए आएंगे।
--आईएएनएस
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