तिरुवनंतपुरम, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। मतदान की तारीखों की घोषणा से पहले से ही केरल में इंडिया ब्लॉक की जीत तय मानी जा रही है।
वर्षों से केरल में सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाला वाम दल और कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। भाजपा के नेतृत्व में एनडीए यहां हमेशा तीसरे स्थान पर रहा।
2019 के चुनावों में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने 19 सीटें जीतीं, वाम दलों ने केवल एक सीट पर जीत हासिल की। भाजपा हाई-प्रोफाइल तिरुवनंतपुरम लोकसभा क्षेत्र में उपविजेता रही और बाकी सीटों पर तीसरे स्थान पर रही।
चुनाव में यूडीएफ को 47.48 प्रतिशत, वाम मोर्चा को 36.29 प्रतिशत और एनडीए को मात्र 15.64 प्रतिशत वोट मिले।
इन बाद भाजपा का दावा है कि चुनाव परिणाम आश्चर्यजनक हो सकता है।
हालांकि, मतदान की तारीख 26 अप्रैल नजदीक आने के साथ ही चीजें स्पष्ट हो गई हैं। अब सवाल केवल यह है कि इंडिया ब्लॉक में शामिल कौन से दल विजेता होगा।
कुछ चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों के अनुसार, यूडीएफ को स्पष्ट बढ़त है, लेकिन इसके वोट शेयर में गिरावट की संभावना है।
नाम न छापने की शर्त पर एक राजनीतिक विश्लेषक ने बताया कि इस बार अगर भाजपा का वोट शेयर बढ़ता है, तो इससे वामपंथियों को फायदा होगा।
कुछ चुनाव सर्वेक्षणों से यह भी सामने आया है कि कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा को अधिक वोट मिलने से यूडीएफ उम्मीदवारों को लाभ मिल सकता है।
विश्लेषक ने भाजपा द्वारा इंडिया ब्लॉक को झटका देने पर संदेह जताया।
--आईएएनएस
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