💎 आज के बाजार में सबसे स्वस्थ कंपनियों को देखेंशुरू करें

देश की व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव को लेकर श्रीश्री ने की पीएम मोदी की तारीफ

प्रकाशित 16/04/2024, 12:39 am
देश की व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव को लेकर श्रीश्री ने की पीएम मोदी की तारीफ

नई दिल्ली, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। 'विकसित भारत एंबेसडर' कार्यक्रम में आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने मुंबई और दिल्ली में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने विकसित भारत पर अपनी राय रखी। श्रीश्री रविशंकर ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने राम मंदिर, नई शिक्षा नीति, रूस-यूक्रेन युद्ध, तमिल संस्कृति समेत तमाम मुद्दों को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि मैं गर्व से कह सकता हूं, देश की व्यवस्था में वो परिवर्तन आया है, जिसमें हम अपनी आस्था को आगे लेकर जा सकते हैं। गलत काम करने के लिए शर्मिंदा होना चाहिए। कुछ दशक से पहले खुलेआम चोरी करो और छुप-छुपके धर्म को मानो। पूजा पाठ करने और तिलक लगाने में शर्मिंदा होते थे। तिलक लगाते थे, उसको पोंछकर ऑफिस जाते थे। व्यवस्था और व्यक्ति में आस्था, दोनों होनी चाहिए।

श्रीश्री ने कहा कि तमिल संस्कृति इतनी विशाल संस्कृति रही है। हमारे प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु को काफी महत्व दिया है। तमिल चार देश की राष्ट्रीय भाषा घोषित हुई है। मलेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका और भारत। आप नहीं जानते होंगे कि जापानी लैंग्वेज में 70 प्रतिशत तमिल भाषा के शब्द हैं। ऐसी संस्कृति और सभ्यता के बारे में हम शर्म करते रहे। इसका गर्व हम महसूस नहीं करते थे। हम लोग बेवकूफ नहीं थे तो क्या थे?

इसके अलावा आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री ने रूस-यूक्रेन का जिक्र करते हुए कहा कि आज जब दुनिया युद्ध की कगार पर खड़ी है, भारत ही एक आशा की किरण बनकर निकला है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस-यूक्रेन के बीच जो द्धंद था, ऐसे में दोनों पक्ष की तरफ से दबाव था कि आप हमारे साथ हैं या नहीं। इस प्रकार का सवाल पूछकर हमको दरकिनार करने की चेष्टा कर रहे थे, उस वक्त दृढ़ता से खड़े होकर के हम सबके साथ रहे। अगर भारत मजबूती से खड़ा नहीं होता तो हमारे देश का आर्थिक विकास बहुत पीछे रह जाता। जैसे कई देशों में हो चुका है।

श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी बड़ी शिव भक्त थी। जब देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी शिवजी को मानती थीं। काशी विश्वनाथ मंदिर को ऐसी व्यवस्था करने में हमें 70 साल क्यों लगे? उन्होंने कहा, "हमने सुना है कि महात्मा गांधी ने भी कहा था, मुझे दुख हो रहा है काशी की व्यवस्था देखकर। आज आप देखकर वहां कहोगे, काशी विश्‍वनाथ विराजमान हुए हैं। ये सब एक विकसित भारत के लक्षण हैं।"

श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि हमारी इच्छा क्या होनी चाहिए, सब सुखी रहें और सरकार भी यही चाहती है कि सबका विकास, सबकी प्रगति और सबका साथ, ये सबके लिए होना चाहिए। देश के लाखों युवा एंटरप्रेन्योर बनना चाहते थे, उनकी इच्छा तो इच्छा बनकर रह जाती। यदि सरकार उनको सहयोग नहीं करती। कई बार तो ऐसा होता था कि स्कीम तो आ गई, मगर इंप्लीमेंट नहीं होता था। दशकों बाद हमने देखा, लोगों के खाते में सीधा पैसा जा रहा है। मैं राजनीति में नहीं पड़ना चाहता हूं। लेकिन, जो सच्चाई है और जनता के लिए सुखद है, वो बातें हमको करनी पड़ेगी।

उन्होंने देश की नई शिक्षा नीति पर कहा कि इससे हमारे देश के टैलेंटेड बच्चों को आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है। हमारे देश के बच्चों की प्रतिभा निखर सकती है। इसमें इतनी सारी चीजें हैं। हमारे युवाओं को खेलने के लिए मौका मिल रहा है, इसलिए मैं कहूंगा कि भारत निश्चित ही विकसित भारत बन रहा है।

श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि जो बुद्धि से भ्रष्ट होता है, वही फ्री की चीजों के पीछे भागता है। लेकिन, स्वाभिमानी व्यक्ति कभी भी मुफ्त के पीछे नहीं दौड़ता है। पीएम मोदी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि पूरी दुनिया में आज जितना अच्छा काम हुआ है, हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की वजह से माहौल बदला है। देश में एक ऐसा व्यक्ति चाहिए जो लोगों के मन की बात समझे, धरोहर को समझे और दुनिया को समझे और ये तीनों काम संपन्न होने से आज हमको कितना हर्ष हो रहा है। रामराज्य का यही सपना था कि इस देश के हर गरीबों के आंसू पोंछे जाए और उन्हें रोटी, कपड़ा मिल जाए। साथ ही साथ उन्हें सूकुन मिले।

राम मंदिर का जिक्र करते हुए श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि 500 सालों के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर बना। मंदिर बनने में कितना समय लग जाता है। लेकिन, इतने कम समय में ऐसे भव्य राम मंदिर का बन जाना, एक कल्पना के बाहर की बात है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इतने सारे काम के बीच में हर डिटेल पर ध्यान देते थे। उसकी जिम्मेदारी उठा रहे थे। वो अपनी संस्कृति के संरक्षण और विज्ञान को एक उच्च स्तर पर ले जाने की बात कर रहे हैं, जिसमें हम कामयाब हुए हैं।

--आईएएनएस

एसके/

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित