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ईडी के समन से कांग्रेस नेता अनजान नहीं, पार्टी ने भाजपा की मंशा पर सवाल उठाए

प्रकाशित 09/07/2023, 01:42 am
ईडी के समन से कांग्रेस नेता अनजान नहीं, पार्टी ने भाजपा की मंशा पर सवाल उठाए

नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)। जहां विपक्षी दल अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं, वहीं कांग्रेस भी ईडी के रडार पर है।नेशनल हेराल्ड मामला पार्टी की परेशानियों के केंद्र में है, जिसमें ईडी पूर्व अध्यक्षों सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ जांच कर रही है। नेशनल हेराल्ड अखबार मामले के अलावा राहुल गांधी पर देश की कई अदालतों में कई आपराधिक मामले भी चल रहे हैं।

इस साल 23 मार्च को राहुल गांधी को उनकी 2019 की 'मोदी सरनेम' टिप्पणी के लिए सूरत की एक अदालत ने दोषी ठहराया था और दो साल जेल की सजा सुनाई थी। जिसके एक दिन बाद उन्हें सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल गांधी को दिल्ली में अपना आधिकारिक बंगला भी खाली करना पड़ा।

गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार को 'मोदी सरनेम' मानहानि मामले में सजा पर रोक लगाने की राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि राहुल गांधी के खिलाफ 10 आपराधिक मामले लंबित हैं और मौजूदा मामले के बाद भी नेता के खिलाफ कुछ और मामले दर्ज किये गये हैं। ऐसा ही एक मामला वीर सावरकर के पोते द्वारा दायर किया गया है।

इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दो साल पहले कथित मनी लॉन्ड्रिंग के लिए कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था, जब दिल्ली की एक ट्रायल कोर्ट ने 2013 में पूर्व भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लिया था।

मामला दर्ज होने के बाद ईडी ने पिछले साल पहली बार सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ की, जो यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएल) में बहुमत शेयरधारक हैं। पिछले साल जून में, ईडी ने मामले के सिलसिले में राहुल गांधी से पांच दिनों में 54 घंटे से अधिक समय तक और उनकी मां सोनिया गांधी से पिछले साल जुलाई में तीन दिनों में 13 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी।

हालांकि, गांधी परिवार के सदस्यों से पूछताछ के एक साल बाद भी ईडी अभी भी मामले की जांच कर रही है। ईडी ने कांग्रेस नेताओं से दस्तावेजों के कई सेट भी मांगे हैं। अपनी पूछताछ पूरी करने के बाद, ईडी ने कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार, उनके भाई और पार्टी सांसद डीके सुरेश और कई अन्य लोगों से भी कई मौकों पर पूछताछ की थी। यहां तक कि पार्टी कोषाध्यक्ष पवन बंसल से भी पिछले साल अप्रैल में ईडी ने पूछताछ की थी।

पिछले साल 3 अगस्त को ईडी ने ग्राउंड फ्लोर पर वाईआईएल के कार्यालय को सील कर दिया था। हालांकि, एक दिन बाद मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद के मानसून सत्र के दौरान पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने पेश होने के बाद सील हटा दी गई थी।

ईडी ने खड़गे की मौजूदगी में वाईआईएल के दफ्तर से सील हटा दी थी। खड़गे वाईआईएल के प्रमुख अधिकारी भी हैं जबकि हेराल्ड हाउस एजेएल और वाईआईएल का पंजीकृत दफ्तर भी है।

नेशनल हेराल्ड की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने की थी और इसे एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) द्वारा प्रकाशित किया गया था। 2010 में एजेएल को वाईआईएल नव-निर्मित कंपनी द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया था, जिसके निदेशकों में राहुल गांधी और गांधी परिवार के वफादार सुमन दुबे और टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा निदेशक थे।

स्वामी ने दावा किया कि यंग इंडियन लिमिटेड ने 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ और संपत्ति हासिल करने के लिए बंद हो चुके प्रिंट मीडिया आउटलेट की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया था। भाजपा नेता ने यह भी आरोप लगाया कि वाईआईएल ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली का अधिकार प्राप्त करने के लिए 50 लाख रुपये का भुगतान किया था, जो एजेएल पर कांग्रेस पार्टी का बकाया था।

साल 2014 में ईडी ने यह देखने के लिए जांच शुरू की कि क्या मामले में कोई मनी लॉन्ड्रिंग शामिल था। गौरतलब है कि 2020 में ईडी ने पीएमएलए के तहत मुंबई के बांद्रा में प्रमुख संपत्तियों में से एक को कुर्क किया था। सैकड़ों करोड़ की यह संपत्ति अवैध रूप से एजेएल को आवंटित की गई थी।

मामले के सभी सात आरोपियों दिग्गज कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, एआईसीसी महासचिव ऑस्कर फर्नांडीस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा, वाईआई और गांधी परिवार ने अपने खिलाफ आरोपों से इनकार किया है।

कांग्रेस अब तक भाजपा पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ बदले की राजनीति करने का आरोप लगाती रही है। कांग्रेस भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है और उस पर अपने राजनीतिक विरोधियों की आवाज दबाने की कोशिश करने का आरोप लगा रही है।

--आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

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