बेंगलुरू, 7 अगस्त (आईएएनएस)। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मुख्य सचिव वंदिता शर्मा को पत्र लिखकर कृषि मंत्री एन. चेलुवरयास्वामी पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाया है। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।हालाँकि, अभी तक सरकार या राज्यपाल के कार्यालय द्वारा इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
इस बीच, आम आदमी पार्टी (आप) की कर्नाटक इकाई के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहन दसारी ने मांग की है कि रिश्वत घोटाले में पकड़े जाने के बाद मंत्री चेलुवरयास्वामी को तुरंत कैबिनेट से बर्खास्त किया जाए।
कृषि विभाग के अधिकारियों के समूह ने चेलुवरायस्वामी के खिलाफ राज्यपाल को शिकायत दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से उनसे छह से आठ लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे हैं। उन्होंने आग्रह किया कि इसे रोका जाना चाहिए।
उन्होंने राज्यपाल को सौंपे पत्र में यह भी कहा है कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे अपने परिवार के साथ जहर खाकर जान दे देंगे।
मांड्या जिले में कार्यरत कृषि विभाग के सात सहायक निदेशकों ने शिकायत दी थी।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मंत्री चेलुवरायस्वामी ने मांड्या में स्पष्ट किया कि उनके विभाग को ऐसे किसी भी घटनाक्रम के बारे में कोई खबर नहीं मिली है। उन्हें जानकारी मिली है कि इस संबंध में एक फर्जी पत्र मीडिया में प्रसारित किया जा रहा है।
राज्यपाल से शिकायत के बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने सचिव से मामले के तथ्यों की जांच करने को कहा है। उन्होंने कहा, ''पहले रिपोर्ट आने दीजिए उसके बाद मैं इस पर प्रतिक्रिया दूंगा। लोग दिन-रात मुझे निशाना बना रहे हैं। उन्हें अपना काम जारी रखने दीजिए, मुझे कोई चिंता नहीं है।''
इससे पहले राज्य के सरकारी बस निगम से जुड़े एक बस कंडक्टर ने मंत्री चेलुवरायस्वामी पर राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते उसका तबादला करवाने का आरोप लगाते हुए जहर खा लिया था।
कहा जा रहा है कि कंडक्टर ने विधानसभा चुनाव में जद (एस) के लिए काम किया था। यह हाल ही में एक विवाद बन गया था और इस मामले पर पूर्व सीएम और जद (एस) नेता एच.डी. कुमारस्वामी, और सीएम सिद्दारमैया तथा मंत्री चेलुवरयास्वामी के बीच विधानसभा सत्र के दौरान तीखी बहस हुई थी।
इससे पहले, चेलुवरायस्वामी जद (एस) के साथ थे और एच.डी. कुमारस्वामी और पूर्व पीएम एच.डी. देवेगौड़ा परिवार के करीबी विश्वासपात्र थे।
वह आवास मंत्री बी.जेड. ज़मीर अहमद खान सहित प्रमुख नेताओं के एक समूह के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए और जद (एस) को करारा झटका दिया। नेताओं ने अपने फैसले के लिए जद (एस) में पारिवारिक राजनीति और अराजकता का आरोप लगाया है।
--आईएएनएस
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