नोएडा, 13 अगस्त (आईएएनएस)। अपनी गाढ़ी कमाई के लाखों करोड़ों रुपए देकर लोग अपने सपनों का घर खरीद कर सोचते हैं कि अब जिंदगी थोड़ी आसान होगी। लेकिन हाईराइज सोसाइटी में रहने वाले लोगों की समस्या कम नहीं हुई है। यहां रहने वाले लोग लिफ्ट मेंआने जाने में डर रहे हैं। डर इस बात का है कि ना जाने कब कौन सा लेफ्ट कितनी देर के लिए बंद हो जाए या बीच रास्ते में अटक जाए।तीन अगस्त को नोएडा के सेक्टर 137 के पारस टियरा सोसाइटी में हुए लिफ्ट हादसे में एक 72 वर्षीय बुजुर्ग महिला की मौत होने के बाद लोग अब लिफ्ट को लेकर काफी ज्यादा दहशत में हैं। वहीं अब लिफ्ट एक्ट के मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है और यह मुद्दा उत्तर प्रदेश के विधानसभा में भी नोएडा और जेवर के विधायक द्वारा उठाया गया है।
ऊर्जा मंत्री ने यह आश्वासन दिया गया है कि जल्द ही इस एक्ट को पास किया जाएगा और दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का कठोर कानून बनाया जायेगा। अभी तक लोग लिफ्ट में फंसते थे। उनका दम घुटता था लेकिन कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें निकाल लिया जाता था। लेकिन नोएडा के सेक्टर 137 पारस टियरा सोसाइटी में 3 अगस्त को हुए हादसे ने सब को दहला कर रख दिया।
इस लिफ्ट हादसे में बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। जिसको लेकर के सोसाइटी के लोगों में काफी ज्यादा रोष था और लोग दहशत में भी हैं। इस मामले में पुलिस ने पीड़ित की तरफ से दी गई शिकायत के आधार पर 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है जिसमें सोसाइटी के मेंटेनेंस डिपार्टमेंट और एओए के लोग शामिल हैं।
*महीने भर में दर्जनों मामले आते हैं सामने*
हाईराइज सोसाइटियों में लिफ्ट में फंसना अब आम बात हो गई है। हर दूसरे या तीसरे दिन किसी न किसी सोसाइटी से खबर सुनने को मिलती है कि लिफ्ट फंसने से इतने लोग उसमें कई मिनट तक फंसे रहे। कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें बाहर निकल गया। जिनमें बुजुर्ग और बच्चों की संख्या ज्यादा होती है।
27 जून को गाजियाबाद की गौर होम सोसाइटी की लिफ्ट में 9 लोग फंस गए। अचानक लिफ्ट बंद होने से करीब 15 मिनट तक लोग चिल्लाते रहे। जैसे-तैसे इन्हें मैनुअल तरीके से लिफ्ट खोलकर बाहर निकाला गया। इस घटना को लेकर रेजिडेंट्स में आक्रोश है। उनका कहना है कि मेंटीनेंस के नाम पर हर साल लाखों रुपया इकट्ठा होता है। बावजूद इसके आए दिन लिफ्ट खराब होती रहती है। उन्होंने यूपी में लिफ्ट एक्ट बनाने की मांग की है। नोएडा आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी होम बायर्स ने मिलकर लिफ्ट एक्ट की मांग की थी।
10 जुलाई को ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बनी महागुन मंत्रा सोसाइटी में 10 जुलाई की रात 4 महिलाएं और 2 बच्चे लिफ्ट में करीब 20 मिनट तक फंसे रहे। सोसाइटी के मेंटेनेंस टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला। इस घटना के बाद से लिफ्ट में सवार बच्चे काफी डर गए हैं। वह सीढ़ियों से आने जाने की बात कर रहे हैं। लिफ्ट में आ रही बार-बार खराबी से रेजिडेंट्स दहशत में हैं।
28 जुलाई को थाना सेक्टर 63 क्षेत्र के अंतर्गत कमलेश (29 वर्ष) जो कि कंपनी सेक्टर 63 में बनी एक कंपनी एफ 464 में सुपरवाइजर के पद पर काम करता था, लिफ्ट से ऊपर जा रहा था। अचानक लिफ्ट का तार टूटने के कारण लिफ्ट नीचे गिर गई। कड़ी मशक्कत के बाद उसे लिफ्ट के बाहर निकाला गया। कंपनी के कर्मचारी तत्काल उसे पास के कैलाश हॉस्पिटल ले गए। उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
3 अगस्त को नोएडा के सेक्टर-137 स्थित पारस टियारा सोसाइटी में बड़ा हादसा हो गया। यहां तार टूटने से लिफ्ट सीधे 24 फ्लोर से दो से तीन फ्लोर नीचे आकर रुकी। जिससे लिफ्ट में मौजूद सुशीला देवी (72 साल) की मौत हो गई। वह रोजाना की तरह ही नीचे गार्डन में टहलने के लिए लिफ्ट से नीचे कॉमन एरिया में आ रही थी।
11 अगस्त को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के साथ-साथ अब गाजियाबाद की हाईराइज सोसायटी से भी लिफ्ट में फंसने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। राजनगर एक्सटेंशन की चार्म्स कैसल सोसायटी के डी टावर में बृहस्पतिवार को अचानक लिफ्ट खराब होने से करीब 25 मिनट तक दो बच्चे और दो बुजुर्ग फंसे रहे। इंटरकॉम काम नहीं करने पर लिफ्ट से मोबाइल पर फोन करने पर लोगों ने लिफ्ट का दरवाजा तोड़कर लकड़ी की सीढ़ी लगाकर सभी को बाहर निकाला।
*गौतमबुद्ध नगर के विधायकों ने उठाया विधानसभा ने लिफ्ट एक्ट का मुद्दा*
नोएडा में लिफ्ट एक्ट के जल्द लागू होने की उम्मीद अब नजर आ रही है। नोएडा के विधायक पंकज सिंह और जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह ने यह मुद्दा विधानसभा में उठाया है। इस बाबत प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने अपने बयान में लिफ्ट एक्ट के जल्द लागू होने की उम्मीद जताते हुए कार्रवाई करने की बात कही है।
विधायक पंकज सिंह ने 21 जनवरी 2023 को पहली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मंडल की बैठक में मुद्दा उठाया था। उनकी ओर से 22 जनवरी को एक पत्र भी दिया गया था।
इसके अलावा विधानसभा को भी सूचित करते हुए लिफ्ट एक्ट लागू करने की मांग की गई थी। उन्होंने विधानसभा में नियम 51 के अंतर्गत लिफ्ट एक्ट लागू करने का करने व उक्त लोक महत्व के विषय पर वक्तव्य की मांग की थी। इस मामले को लेकर अब उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने कहा है कि सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी रेगुलेशन 2010 के प्रावधानों के अंतर्गत बिजली विभाग की ओर से समय-समय पर जांच की जाती है। इसी प्रकार से लिफ्ट के विभिन्न मामलों में विद्युत सुरक्षा निदेशालय के निरीक्षण के बाद रिपोर्ट जारी की गई है। प्रदेश में बढ़ते शहरीकरण ऊंची इमारत की बढ़ती संख्या से लिफ्ट का प्रयोग बढ़ रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही लिफ्ट एक्ट लागू करने की दिशा में काम किया जाएगा।
*मोटी मेंटेनेंस फीस लेने के बावजूद क्यों हो रहे हैं हादसे*
हाई राइज सोसाइटी में रहने वाले लोग हर महीने मोटी मेंटेनेंस फीस देते हैं जिसमें लिफ्ट मेंटिनेस भी शामिल होती है। लेकिन लगातार बढ़ते मामलों ने लोगों के सब्र के बांध को तोड़ दिया है। लोगों में रोष है और गुस्सा है। वो कहते हैं कि जब हम इतनी मोटी मेंटेनेंस फीस हर महीने भरते हैं तो हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी आखिर कौन लेगा।
इस बारे में टाउन प्लैनिंग एक्सपर्ट अभिनव सिंह चौहान बताते हैं कि अक्सर मेंटेनेंस डिपार्टमेंट लिफ्ट की मेंटेनेंस करते वक्त समय सीमा का ध्यान नहीं रखता है और कई बार घटिया सामग्री इस्तेमाल करने की वजह से इस तरीके के हादसे होते हैं। लिफ्ट में लगे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के साथ हुई छेड़छाड़ भी लिफ्ट हादसे की वजह बनती है। इसीलिए इतिहास के तौर पर जब छोटे बच्चे लिफ्ट में ट्रेवल करें तो उनके साथ एक बड़े का होना बेहद जरूरी होता है।
--आईएएनएस
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