💎 आज के बाजार में सबसे स्वस्थ कंपनियों को देखेंशुरू करें

सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य पीडि़ता की याचिका पर मणिपुर सरकार को जारी किया नोटिस

प्रकाशित 18/08/2023, 09:59 pm
सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य पीडि़ता की याचिका पर मणिपुर सरकार को जारी किया नोटिस

नई दिल्ली, 18 अगस्त (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक और चौंकाने वाली घटना पर मणिपुर सरकार से जवाब मांगा, जिसमें एक महिला ने दावा किया कि राज्य में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान भीड़ ने उसके कपड़े फाड़ दिए और उसका जुलूस निकाला, लेकिन पुलिस उसकी मदद के लिए नहीं आई। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने मणिपुर सरकार को नोटिस जारी किया और मामले को मुख्य मामले के साथ 13 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

वकील अमृता सरकार के माध्यम से दायर याचिका में दावा किया गया कि भीड़ में शामिल महिलाओं ने पीड़िता के एक साल के बच्चे को भी मारा। हमले के कारण उसके हाथों में फ्रैक्चर हो गया और सिर पर गंभीर चोटें आईं।

याचिका में कहा गया है, "भीड़ ने याचिकाकर्ता नंबर-2 के कपड़े फाड़ दिए और उसे इम्‍फाल में डिप्टी कमिश्नर भवन तक परेड करने के लिए मजबूर किया गया, जहां पुलिस खड़ी थी लेकिन कोई उसकी मदद के लिए नहीं आया।"

याचिका में एक अन्य मामले में राज्य पुलिस द्वारा निष्क्रियता का भी आरोप लगाया गया, जहां एक महिला सहित दो लोगों को "मेइती समुदाय की भीड़" ने पीट-पीटकर मार डाला था।

याचिका में कहा गया है, “याचिकाकर्ता नंबर-1 के पिता ने उक्त घटना के संबंध में 20 मई 2023 को प्राथमिकी दर्ज की है। हालाँकि, आज तक प्रतिवादी (मणिपुर राज्य) द्वारा ऐसे कट्टरपंथी मेइती समूहों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।”

इसमें कहा गया है कि याचिकाकर्ता, जो कुकी समुदाय से हैं, उन्हें क्रूरतापूर्वक प्रताड़ित किया गया और उनके परिवार के सदस्यों को उनकी आंखों के सामने मार दिया गया।

बड़ी कठिनाई से जान बचाने वाले दोनों लोग दिल्ली पहुंचे जहां उनका इलाज चल रहा है।

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में सांप्रदायिक हिंसा और संघर्ष के दौरान जिस तरह से महिलाओं को गंभीर यौन हिंसा का शिकार बनाया गया है, उस पर नाराजगी व्यक्त की थी।

इसने मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की जांच के लिए तीन महिला न्यायाधीशों वाली एक समिति का गठन किया था और महिलाओं तथा बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा के मामलों और मणिपुर पुलिस द्वारा दर्ज अन्य प्राथमिकियों से जुड़ी सीबीआई जांच की निगरानी के लिए महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी दत्तात्रेय पडसलगीकर को नियुक्त किया था।

वायरल वीडियो में जिन दो आदिवासी महिलाओं को मणिपुर में नग्न घुमाया गया और उनके साथ यौन उत्पीड़न किया गया था, उन्होंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था और दावा किया था कि मणिपुर पुलिस ने भीड़ के साथ मिलकर उन पर यौन हिंसा की अनुमति दी थी।

--आईएएनएस

एकेजे

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित