रायपुर, 24 अगस्त (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई छापे की कार्रवाई को राहजनी और डकैती करार दिए जाने के साथ प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।बीते रोज ईडी ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के आवास के अलावा मुख्यमंत्री बघेल से जुड़े दो अन्य लोगों के यहां भी छापे मारे थे।
इस कार्रवाई के दौरान ईडी ने दस्तावेज और सोने के जेवरात आदि जब्त किए हैं।
कार्रवाई के बाद विनोद वर्मा ने संवाददाताओं के सामने आकर अपनी बात रखी और कहा कि ईडी द्वारा की गई पूछताछ के दौरान उन्होंने अपने बयान में ईडी पर ही सवाल उठाए और साफ कहा कि ईडी द्वारा मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है और जो भी आप (ईडी) कर रहे हैं वह राहजानी और डकैती है। जितना भी सोना मेरे घर से मिला है उसके बिल ईडी को सौंपे हैं। यह सोना 2005 से 2023 के बीच खरीदा गया है।
वर्मा ने आगे कहा, मैंने 2005 में पहली बार सोना खरीदा क्योंकि मैं खरीदने लायक तभी हो पाया था, और उसके बाद जितना भी सोना खरीदा इसका एक-एक बिल ईडीके सामने रखा। सिर्फ एक गहने को छोड़कर जो मेरी पत्नी को विवाह के समय मिला था, उसका बिल मेरे पास नहीं है। इसके अलावा पूरे बिल ईडी को दिया है। इसके साथ ही छह ऐसे बिल भी दिए जिसका सोना शादियों में रिश्तेदारों को दिए थे।
उन्होंने आगे कहा कि तमाम बिल दिखाए जाने के बावजूद ईडी सारा सोना जब्त कर ले गई और उनका यही कहना था कि पुख्ता सबूत नहीं दे रहे हैं कि यह सोना कहां से खरीदा गया, जबकि वास्तविकता यह है कि पूरा बिल मैंने उनके सामने पेश किया और उन्होंने जो कागज दिए हैं उसमें भी पूरे बिल और सोने का विवरण दर्ज है।
वर्मा ने बताया कि जब उन्होंने ईडी से यह पूछा कि एक सामान्य व्यक्ति को कितना सोना रखने का अधिकार है तो ईडी के अधिकारी ने कहा कि यह सब आईटी एक्ट में है, ईडी के एक्ट में नहीं है। ईडी के अधिकारी बार-बार यही कहते रहे कि आप मुझे संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं, तो फिर मैने कहा कि संतुष्ट कैसे कर सकता हूॅ, जब मैंने सारे बिल आपके सामने रख दिए हैं।
वर्मा ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा ईडी के अधिकारियों ने सवाल किया कि आप यह बताइए कि आपने यह सोना जो खरीदा है उसका भुगतान आपने कैसे किया है, इसका सबूत आप नहीं दे पा रहे हैं। ईडी पर तंज सकते हुए वर्मा ने कहा, पहली बार भारतीय कानून में यह प्रावधान जोड़ना पड़ रहा है कि अगर कोई चीज बिल से खरीदते हैं, कच्चे में नहीं खरीदते हैं तो उस बिल के पेमेंट का मोड भी अपने पास सुरक्षित रखना पडे़गा। यह सीआरपीसी और आईपीसी को नए तरीके से परिभाषित कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि वर्मा सहित अन्य लोगों के यहां ईडी के छापे पड़े हैं, उसके बाद से राज्य की सियासत गरमाई हुई है और बीते रोज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जन्मदिन भी था और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज भी कसा था।
--आईएएनएस
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