भोपाल, 27 सितंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं में विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने से उत्साह नहीं है, बल्कि उनकी बातचीत मायूसी जाहिर करने वाली है, वहीं कांग्रेस इस उम्मीदवारी पर तंज कसने से नहीं चूक रही है।
भाजपा की दूसरी सूची में तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित सात सांसदों को उम्मीदवार बनाया गया है, वहीं राष्ट्रीय महासचिव भी मैदान में उतार दिए गए हैं।
उम्मीदवारी तय होने के बाद कुछ नेताओं के ऐसे बयान आए हैं जो यह जाहिर करने के लिए काफी हैं कि उनकी इच्छा विधानसभा चुनाव लड़ने की नहीं थी, मगर पार्टी का निर्देश है और वह उसका पालन करेंगे।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और इंदौर विधानसभा क्रमांक एक से उम्मीदवार बनाए गए कैलाश विजयवर्गीय का साफ कहना है कि "पार्टी ने टिकट दे दिया है मुझे, मगर मैं अंदर से एक प्रतिशत भी खुश नहीं हूं, मेरी चुनाव लड़ने की इच्छा ही नहीं थी, मेरी तो एक प्रतिशत भी इच्छा नहीं थी। जैसा माइंडसेट होता है चुनाव लड़ने का वैसा नहीं है। मैं तो बड़ा नेता हो गया हूं इसलिए हांथ जोड़ने का नहीं है, अब तो भाषण देना और निकल जाना, यह सोचा था। हमने इसके लिए प्लान भी बना लिया था कि रोज आठ सभाएं करनी है जिन में पांच सभा हेलीकॉप्टर से और तीन कार से। इस प्रकार रोज आठ सभा करनी है। इस पूरे चुनाव इसका प्लान भी बन गया था। आप जो सोचते हैं, वह होता कहां है। भगवान की जो इच्छा होती है, वही होता है।"
वही दमोह लोकसभा क्षेत्र के सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल भी नरसिंहपुर से उम्मीदवार बनाए गए हैं। यह वह विधानसभा क्षेत्र है जहां से उनके छोटे भाई जालम सिंह पटेल अब तक विधायक हैं। प्रहलाद पटेल भी उम्मीदवारी से बहुत ज्यादा उत्साहित और खुश नजर नहीं आ रहे हैं।
पटेल का कहना है, "मैं इतने लंबे समय से राजनीतिक जीवन में हूं और पहली बार विधानसभा लडूंगा। मैं अपने गृह जिले से उम्मीदवार बनाया गया हूं। इसके लिए पार्टी के केंद्रीय व प्रदेश नेतृत्व का आभार व्यक्त करता हूं।"
साथ ही पटेल ने राज्य को नई ऊंचाइयां दिलाने के लिए आपसी समन्वय पर जोर दिया है। भाजपा की सूची में बड़े नेताओं के नाम पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने तंज सका और एक्स पर कहा, भाजपा जितने सजावटी उम्मीदवार ला रही है, जनता का आक्रोश उतना ही ज़्यादा बढ़ रहा है।
--आईएएनएस
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