💎 आज के बाजार में सबसे स्वस्थ कंपनियों को देखेंशुरू करें

मणिपुर में 2 छात्राओं की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन जारी, कारें जलाई गईं, भाजपा के 2 दफ्तरों पर हमला

प्रकाशित 29/09/2023, 03:55 am
मणिपुर में 2 छात्राओं की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन जारी, कारें जलाई गईं, भाजपा के 2 दफ्तरों पर हमला

इंफाल, 28 सितंबर (आईएएनएस)। मणिपुर में दो युवा छात्राओं की हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रहा।गुस्‍साई भीड़ ने एक भाजपा कार्यालय को जला दिया और थौबल जिले में सत्तारूढ़ पार्टी के एक अन्य कार्यालय में तोड़फोड़ की।प्रदर्शनकारियों ने इंफाल में उपायुक्त कार्यालय परिसर के अंदर दो वाहनों को भी आग लगा दी और उसी कार्यालय के पास खड़े तीसरे वाहन को भी आग लगा दी गई।

पुलिस ने कहा कि सीआरपीएफ कर्मियों ने लाठियां भांजकर और आंसूगैस के के गोले दागकर हालात पर काबू पाया।

हालांकि गुरुवार को छात्रों का विरोध प्रदर्शन शुरुआत में कमोबेश शांतिपूर्ण रहा, लेकिन दिन चढ1ते ही मणिपुर के विभिन्न स्थानों पर पुरुषों और महिलाओं दोनों की भीड़ हिंसक हो गई।

उन्होंने खोंगजाम में एक तीन मंजिला इमारत को जला दिया, जिसमें भाजपा कार्यालय था और थौबल जिले के वांगजिंग में एक और इमारत में तोड़फोड़ की, जिसमें भाजपा कार्यालय था।

अधिकारियों ने बताया कि बुधवार की रात प्रदर्शनकारी कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए उरीपोक, यिस्कुल, सगोलबंद और तेरा इलाकों में सुरक्षाकर्मियों से भिड़ गए, जिसके बाद सुरक्षा बलों को स्थिति से निपटने के लिए कई राउंड आंसूगैस के गोले दागने पड़े।

महिलाओं सहित प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों की आवाजाही को आवासीय क्षेत्रों में प्रवेश करने से रोकने के लिए जलते हुए टायर, बोल्डर और लोहे के पाइप से सड़कों को अवरुद्ध कर दिया।

विभिन्न जिलों में केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बलों की विशाल टुकड़ियों को तैनात किया गया था, जबकि दो जिलों - इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम में पूर्ण कर्फ्यू फिर से लगाया गया था।

इस बीच, मणिपुर बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सुरक्षा बलों से किशोरों के खिलाफ "मनमाने ढंग से और अचानक" लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का इस्तेमाल नहीं करने का आग्रह किया।

इस बीच, भाजपा विधायक राजकुमार इमो सिंह ने एक बयान में मणिपुर में आंदोलन से निपटने के लिए सुरक्षा बलों की कार्रवाई की कड़ी निंदा की।

इमो सिंह मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद हैं, उन्‍होंने कहा, "सशस्त्र बलों द्वारा बर्बरता के ऐसे कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। क्या वे इस तरह के आंदोलन को रोकने के लिए पानी की बौछारों और अन्य रूपों का उपयोग नहीं कर सकते? सशस्त्र बलों को इस प्रकार की नाजुक स्थितियों से निपटने में अधिक मानवीय होने का निर्देश दिया जाना चाहिए। इसमें शामिल लोगों को ऐसा करना चाहिए कानून के मुताबिक सजा दी जाए। मैं अपने मणिपुरी भाइयों और बहनों से भी आग्रह करता हूं कि वे किसी भी प्रकार की हिंसा में शामिल न हों।''

"आइए, हम सुनिश्चित करें कि मारे गए छात्रों को जल्द से जल्द न्याय मिले। दिल्ली में मौजूद अधिकांश विधायक पहले ही केंद्र सरकार से जल्द से जल्द न्याय देने के लिए कह चुके हैं। आइए, सुनिश्चित करें कि अगले कुछ दिनों में इसमें शामिल दोषियों को गिरफ्तार कर न्याय दिया जाए। अगर सीबीआई अगले कुछ दिनों में न्याय नहीं दे पाती है, तो हम दिल्ली में अपने लोगों के साथ बैठकर नई कार्रवाई करेंगे। लेकिन हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि स्वदेशी लोगों को बचाने का हमारा साझा उद्देश्य डायवर्ट किया गया, हमारा सामान्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी अवैध प्रवासियों का पता लगाया जाए, जमीनी नियमों को तोड़ने वाले विद्रोही समूहों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, सीमा पर बाड़ लगाने का काम पूरा किया जाए।"

मंगलवार और बुधवार को आंदोलन के दौरान सुरक्षा बलों के साथ झड़प में लड़कियों सहित कम से कम 100 छात्र घायल हो गए। झड़प तब हुई, जब छात्रों को मुख्यमंत्री के बंगले की ओर मार्च करने से रोका।

सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारी छात्रों को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले और धुआंबम का इस्तेमाल किया। संभावित हिंसा की आशंका में मणिपुर पुलिस, सीआरपीएफ और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को इंफाल घाटी में बड़ी संख्या में तैनात किया गया है।

मणिपुर में जातीय हिंसा के चरम पर पहुंचने के दौरान 6 जुलाई को 17 वर्षीया छात्रा हिजाम लिनथोइनगांबी और 20 वर्षीया फिजाम हेमजीत लापता हो गईं। दो दिन के लिए इंटरनेट संवा बहाल हाेने पर उनकी तस्वीरें सोमवार को विभिन्न सोशल मीडिया में प्रसारित की गईं। उसके बाद लोगों का गुस्‍सा फूट पड़ा। दोनों छात्राओं के परिवारों को संदेह था कि उनकी बोटियों को सशस्त्र हमलावरों ने मार डाला है। अपहरण के बाद मार डाली गईं दोनों छात्राएं बिष्णुपुर जिले की रहने वाली थीं।

छात्रों के आंदोलन को देखते हुए राज्य सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों को 29 सितंबर तक बंद कर दिया है। राज्य सरकार ने मंगलवार को शाम 7.45 बजे मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया, जो 1 अक्टूबर तक लागू रहेगा। 3 मई को जातीय दंगे शुरू होने के बाद चार महीने से अधिक समय तक इंटरनेट पर लगा प्रतिबंध 23 सितंबर को हटा लिया गया था, लेकिन दो छात्राओं की हत्‍या की बात पता चलने के बाद छात्रों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, जिस कारण राज्‍य के लोग फिर इंटरनेट सेवा से वंचित हो गए हैं।

--आईएएनएस

एसजीके

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित