बस्ती, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में जब बड़े पैमाने पर धर्मांतरण कराया जा रहा था, तो उस समय सबसे पहले आर्य समाज ने घर वापसी कराकर उसका जवाब दिया था। अंग्रेजों ने जब भारतीयों पर तुष्टीकरण की नीति को थोपा तब आर्य समाज ने देश में वैदिक आंदोलन की शुरुआत की। आर्य समाज भारत का जीवंत आंदोलन रहा है। एक समय था बस्ती से लेकर कराची तक आर्य समाज का बोलबाला था। मुख्यमंत्री योगी ने बुधवार को होटल बालाजी में आर्य समाज बस्ती द्वारा आयोजित आर्य समाज के स्वर्ण जयंती महोत्सव कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि स्वदेशी और अछूतोद्धार के कार्यक्रम को आर्य समाज ने आगे बढ़ाया। आर्य समाज के आंदोलनों ने अनेक क्रांतिकारी दिए। काकोरी एक्शन के महानायक पंडित रामप्रसाद बिस्मिल आर्य समाज की ही देन थे, जो एक प्रचारक के रूप में सांझापुर में कार्य करते थे। उस समय का हर क्रांतिकारी आर्य समाज के साथ जुड़कर गौरवांवित महसूस करता था।
सीएम योगी ने कहा कि शिक्षा को संस्कारों और आधुनिकता के साथ जोड़ने का कार्य आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती ने किया था। उन्होंने कहा कि डीएवी को एक समय देश की सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओं में से एक माना जाता था, जहां पर वैदिक प्रार्थना और हवन यज्ञ के साथ दिन की शुरुआत होती थी।
सीएम योगी ने कहा कि युग प्रणेता महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के साथ पूरा भारत जुड़ रहा है और उन्हें नमन कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पूर्व देश की राजधानी दिल्ली से महर्षि दयानंद सरस्वती के शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम का शुभारंभ किया था। उन्होंने आर्य समाज के उस कार्यक्रम के माध्यम से देश और दुनिया में फैले लाखों आर्य वीरों को जागृत करने का कार्य किया था।
उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से आर्य समाज की स्थापना का 150वां वर्ष प्रारंभ होने जा रहा है, जो देश और हमारे समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस दौरान हमें अपने युवाओं को प्रेरित करना है कि वह आर्य समाज के कार्यों पर शोध करें। इससे हमारी वर्तमान पीढ़ी आर्य समाज के योगदान के बारे में जान पाएगी।
--आईएएनएस
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